ग्राउंड रिपोर्ट: सरजी, SIR ड्यूटी में बिजी, बच्चों के सिर पर एग्जाम, डेढ़ महीने से नहीं लगी कई सब्जेक्ट की क्लास

ग्राउंड रिपोर्ट: सरजी, SIR ड्यूटी में बिजी, बच्चों के सिर पर एग्जाम, डेढ़ महीने से नहीं लगी कई सब्जेक्ट की क्लास


Khargone News: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के सरकारी स्कूलों में इन दिनों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो हो गई है. स्कूलों में रोजाना बच्चे पढ़ने आ रहे है, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक गायब है. पूरा दिन बच्चे शिक्षकों के इंतजार में बैठे रहते है, एक दूसरे की मदद से खुद अपने स्तर पर पढ़ाई करते है. कुछ ऐसा ही नजारा जिले की शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय, मंडलेश्वर में भी देखा गया. यहां पदस्थ 5 शिक्षक पिछले एक-डेढ़ महीने से एसआईआर ड्यूटी में लगे है.

प्रधान पाठक और एक अन्य शिक्षक के भरोसे अब पूरा स्कूल चल रहा है, जबकि 24 नवंबर से अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए मतदाताओं से विशेष गहन पुनर्निरीक्षण (SIR) फॉर्म भरवाएं जा रहे हैं. इसके लिए स्कूल में पदस्थ 5 शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है. अब शिक्षक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जगह घर-घर जाकर लोगों के एसआईआर फॉर्म भरवाने में जुटे हैं. इससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है.

एक दूसरे की मदद से बच्चे खुद पड़ रहे
मुख्यालय से करीब 50 km दूर मंडलेश्वर में local18 की टिम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो यहां के सरकारी मिडिल स्कूल में कई बच्चे बैठकर पड़ते हुए नजर आए, कुछ ब्लैक बोर्ड पर लिखे सवाल कॉपी में उतार रहे थे, लेकिन शिक्षक नहीं थे. अंदर जाकर देखा तो महज दो शिक्षक थे, कक्षा 6, 7 और 8 तीनों को पढ़ा रहे थे. बात करने पर पता चला इनमें एक प्रधान पाठक अनीता मानवे हैं, जो विज्ञान पढ़ाती हैं, दूसरे कक्षा 6वीं को पढ़ाने वाले हिंदी के शिक्षक कलमे सर हैं.

SIR कार्य में 5 शिक्षकों की ड्यूटी 
प्रधान पाठक अनीता मानवे ने बताया कि स्कूल में कुल 7 शिक्षक पदस्थ है. 5 की ड्यूटी लगा दी गई है. इनमें जितेंद्र वर्मा (अंग्रेजी), जुगल किशोर पाटीदार (हिंदी), दीपक कुमरावत (गणित), संजय पाटीदार (संस्कृत) और कुलदीप शिल्पकार (सामाजिक विज्ञान) शामिल है. इन पांच शिक्षकों में 3  के पास बीएलओ की जिम्मेदारी है और दो शिक्षकों की सहायक में ड्यूटी लगाई है.

स्कूल में कुल 82 एडमिशन
स्कूल में कुल 82 एडमिशन है. कक्षा छटी में 28, सातवीं 23, आठवी में 31 बच्चे है. शिक्षकों के नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है. दो कक्षाओं को एक साथ बिठाकर पढ़ाते है. हाई सेकेंडरी स्कूल से कभी-कभी शिक्षक आ जाते है, नहीं तो बच्चों को खुद की पढ़ना पड़ता है. 3 तारीख से शिक्षक एसआईआर ड्यूटी में लगे है. ऐसे में इन विषयों की पढ़ाई स्कूल में नहीं हो रही है.

डेढ़ महीने से नहीं आए शिक्षक
कक्षा 8वीं के छात्र माधव कामले ने कहा कि, एक डेढ़ महीना हो गया, कोई भी सर स्कूल नहीं आते. विज्ञान और हिंदी के टीचर ही पढ़ा रहे है. उबैत शेख ने कहा कि हमारी कक्षा में सिर्फ मानवे मैडम है, विज्ञान पढ़ाने आती है, बाकी सभी विषयों के टीचर SIR में लगे है. इसलिए उन विषयों की पढ़ाई अब नहीं होती.

24 नवंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा
आरुष जाधव, नेमारब शाह और जलाल शाह ने कहा बहुत दिन हो गए. हमारे यहां गणित, अंग्रेजी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान और हिंदी विषय पढ़ाने वाले टीचर नहीं है. 24 नवंबर से हमारी अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो जायेगी. इसलिए हम खुद ही किताबों में देखकर पड़ रहे है. विज्ञान वाली मैडम सवाल बोर्ड पर लिख जाती है.

बच्चों की नहीं किसी को चिंता
बरहाल, मंडलेश्वर की यह स्कूल अकेली नहीं है, जहां शिक्षकों के अभाव बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. जिले की अनेकों सरकारी स्कूलों में इसी तरह हालत बने हुए हैं. वो भी उस समय जब परीक्षा नजदीक है. बच्चों को शिक्षकों की सबसे ज्यादा जरूरत है. लेकिन, चुनाव आयोग, स्कूल विभाग या जिला कलेक्टर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.



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