सागर में जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी: बहन के पति ने फर्जी एग्रीमेंट बनाकर 2 लाख रुपए का चेक लिया, 28.50 लाख में किया था सौदा – Sagar News

सागर में जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी:  बहन के पति ने फर्जी एग्रीमेंट बनाकर 2 लाख रुपए का चेक लिया, 28.50 लाख में किया था सौदा – Sagar News


सागर के गोपालगंज थाना क्षेत्र में जमीन बेचने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने और एग्रीमेंट करने का मामला सामने आया है। फर्जी एग्रीमेंट कर पार्टी से दो लाख रुपए का चेक ले लिया गया। इसी बीच मामला उजागर हुआ और थाने में शिकायत की गई। शिकायत पर जांच करते हुए प

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पुलिस के मुताबिक फरियादी देवेन्द्र कुमार भट्ट, जो मूल रूप से परकोटा सागर के रहने वाले हैं और अभी ग्वालियर में रहते हैं, ने बताया कि उनके परिवार में 9 भाई-बहन हैं। देवेन्द्र ने बताया कि 6 नवंबर 1993 को उनकी मां कुसमलता भट्ट ने तिली माफी, गुलाब कॉलोनी, पटवारी हल्का नंबर 44, शिवाजी नगर इलाके में एक प्लॉट खरीदा था, जिसका कुल क्षेत्रफल 4335 वर्ग फीट है।

क्या है पूरा मामला देवेन्द्र भट्ट ने बताया कि उनकी मां ने यह भूखंड अपने नाम के साथ उनकी दो बहनों — शशि भट्ट और सुधा भट्ट — के नाम पर संयुक्त रूप से खरीदा था। बाद में शशि भट्ट ने 14 फरवरी 1997 और सुधा भट्ट ने 26 फरवरी 1997 को हक त्यागनामा लिखकर इस जमीन पर अपने अधिकार छोड़ दिए और जमीन का पूरा अधिकार मां को दे दिया।

26 अक्टूबर 2002 को उनकी मां का निधन हो गया। उससे पहले, 16 अक्टूबर 2002 को मां ने इस जमीन की वसीयत देवेन्द्र के बेटे देवांश भट्ट, देवेन्द्र के भाई राजेन्द्र भट्ट और बहन सरोज शर्मा के नाम कर दी थी। वसीयत के आधार पर 2003 में नगर निगम में नामांतरण हो चुका है, लेकिन राजस्व विभाग में अभी भी पुराना रिकॉर्ड ही दर्ज है।

राजेन्द्र भट्ट और सरोज शर्मा ने अपने हिस्से की जमीन पर मकान बना लिया है और वहीं रह रहे हैं। देवेन्द्र के हिस्से की 1377 वर्गफीट जमीन (जो वसीयत के अनुसार उन्हें मिली थी) अभी खाली पड़ी है।

देवेन्द्र ने आरोप लगाया कि उनकी बहन सुधा शर्मा के पति दिलीप शर्मा (रायपुर, छत्तीसगढ़) इस खाली पड़े प्लॉट पर गलत तरीके से अपना हक जताते हैं और इसे बेचने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि जमीन उनके नाम पर है ही नहीं।

देवेन्द्र का कहना है कि दिलीप शर्मा ने 30 जुलाई 2025 को 1000 रुपये के ई-स्टाम्प पर मो. सोहेल खान नामक व्यक्ति के साथ इस जमीन को बेचने का अनुबंध कर लिया, जबकि उन्हें ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

जमीन नाम पर नहीं, फिर भी बनवा लिया एग्रीमेंट

अनुबंध में दो लाख रुपए का पंजाब नेशनल बैंक परकोटा का चेक लिया गया। बाकी बकाया राशि 26 लाख 50 हजार 900 रुपए अनुबंध दिनांक से 45 दिन के अंदर प्राप्त करके रजिस्ट्री व बैनामा कर देंगे लिखवाकर इकरार लेख कराया जाकर नोटराइज कराया गया है।

उक्त भूमि को बेचने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की गई है। शिकायत पर पुलिस ने जांच की। राजस्व विभाग और बैंक से जानकारी निकाली गई। जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर गोपालगंज पुलिस ने दिलीप शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया है।



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