Agriculture Tips. इस समय रवि सीजन की बोवनी शुरू है और ऐसे में किसान भाई बोवनी करने से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान दें. कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक किसान भाई बोवनी से पहले अपने चना, सरसों या गेहूं बीज में एक ऐसी दवा मिला सकते हैं जिससे अंकुरित पौधा एकदम स्वस्थ रहेगा. इसकी जड़ से लेकर पत्तियों में भी किसी भी तरह का रोग-कीट नहीं लगता है.
छतरपुर नौगांव कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ डॉक्टर कमलेश अहिरवार बताते हैं कि रबी सीजन की बुवाई से पहले बीज का उपचार करना बेहद जरूरी है, यह फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार कर सकता है. बीज उपचार करने से बीजों को फफूंद, बैक्टीरिया और अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है.
ऐसे करें बीज का उपचार
डॉ कमलेश बताते हैं कि जैसे नवजात शिशु को पोलियो टीका लगता है वैसे ही बीज में भी टीका लगाना होता है. शिशु बीमार तो नहीं होता है लेकिन फिर भी टीका तो लगाते ही हैं. ऐसे ही बीज उपचार भी टीका की तरह होता है.
1 किलो बीज में 2 ग्राम दवा मिलाएं
बीज को ठाठ-पट्टी में नीचे फैला लें. इसके लिए रेडोमिल दवा का उपयोग कर सकते हैं.आप फंजी साइड यानी फंफूद नाशक किसी भी दवा का उपयोग कर सकते हैं. 1 किलो बीज में 2 ग्राम दवा का उपयोग करना है. चना हो या सरसों या मसूर या गेहूं सभी के 1 किलो बीज में 2 ग्राम दवा डालनी है.
एक एकड़ में 50 रुपए खर्च
अगर आप 30 किलो बीज की बुवाई कर रहे हैं तो 60 ग्राम दवा लगेगी. जिसमें मात्र 50 रुपए खर्च आएगा. जिसका रिजल्ट आपको शत प्रतिशत मिलेगा. एक एकड़ में बीज उपचार खर्च में सिर्फ 50 रुपए ही आएगा.
फसलों के 50 फीसदी रोग पहले से ही ठीक
बीज में दवा मिलाते समय पानी का छिड़काव कर लें ताकि पाउडर बीज में चिपक जाए. क्योंकि ये दवा पाउडर फार्म में आती हैं. लिक्विड फार्म में दवाएं नहीं होती हैं. ये दवाएं बीज भंडार से भी मिल जाती हैं. ऐसा करने से बीज की सभी बीमारियां कंट्रोल हो जाती हैं.
पैसों की होगी बचत
वहीं जब बीज अंकुरित हो जाते हैं और उसके बाद जब रोग-कीट लग जाते हैं तो फिर पूरे खेत में कीटनाशक का छिड़काव करते हैं. जिसमें दवा भी ज्यादा लगती है और मजदूरी भी लगती है. इसलिए पहले से ही बीज उपचार कर लेना चाहिए. ताकि मेहनत और पैसा दोनों बचे.