Khargone News: सोमवार का दिन सिनेमा जगत के लिए बेहद गमगीन रहा. बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र देओल, जिन्हें लोग प्यार से ही-मैन कहते थे, दुनिया को अलविदा कह गए. लेकिन, अपने प्रशंसकों के बीच कई यादों का पिटारा छोड़ गए. 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे अपने घर, परिवार के लोगों के बीच अंतिम सांस ली. मुंबई के विले पार्ले शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ.
बता दें कि धर्मेंद्र एक ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने अपने अभिनय से 6 दशकों तक देश के करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया. उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था. वर्ष 2011 और 2013 में उनकी दो ब्लॉकबस्टर फिल्मों “यमला पगला दीवाना” और “यमला पगला दीवाना 2” की शूटिंग जब खरगोन के महेश्वर में चल रही थी, तो उन दिनों हजारों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए कई घंटों तक शूटिंग लोकेशन पर इंतजार करते थे.
खरगोन में भी उनके प्रशंसक गमगीन
दोनों बेटों सनी और बॉबी देओल के साथ वे कई हफ्ते यहां रहे थे. इस दौरान कई मर्तबा वे एक आम इंसान की तरह महेश्वर की गलियों और नर्मदा घाटों पर पैदल ही निकल जाते, लोगों से सहज मुलाकात करते, उनसे बात करते. उनका यही सरल स्वभाव आज भी महेश्वर के लोगों की यादों में बसा है. धर्मेंद्र के निधन की खबर से खरगोन और महेश्वर में भी उनके प्रशंसक गमगीन है.
जिसे पर्दे पर देखा, उसके साथ चाय पी
धर्मेंद्र के जाने के बाद local18 से बातचीत में विश्वदीप मोयदे ने कहा, मैं धर्मेंद्र जी का बचपन से फैन रहा हूं, उनकी फिल्मों को देखकर बड़ा हुआ. महेश्वर में शूटिंग के दौरान मिलन का अवसर मिला. रात करीब 9 बजे मैं अपने भाई, रतनदीप ओर अन्य साथियों के साथ गया था. धर्मेंद्र जी अपने रूम में चले गए थे, लेकिन हमारे निवेदन पर वह सहज ही मिलने आए. करीब आधे घंटे की मुलाकात में महेश्वर, मंडलेश्वर के बारे में कई बाते हुईं, उन्होंने हमें चाय भी पिलाई.
ऐसा अभिनेता फिर नहीं मिलेगा
करीब 65 वर्षीय गणेश पाटीदार (मामा) ने कहा, धर्मेंद्र जी हमारे दौर के सुपरहीरो थे. शोले जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म उन्होंने दी. वीरू का किरदार आज भी हमारे मन में बसा हुआ है. मिलने का मौका नहीं मिला, लेकिन जब महेश्वर आए तो पास से देखने का अवसर मिला. ऐसा अभिनेता फिर नहीं मिलेगा. संजय राठौड़ ने कहा, जिसे पर्दे पर देखा, उसे एक बार पास से देखने का अवसर मिला, बहुत अच्छा लगा. यकीन नहीं हो रहा कि धर्मेंद्र जी नहीं रहे.
कॉलेज ग्रुप के साथ पहली बार मिला
राजू जोशी ने कहा, 1983 में जब धर्मेंद्र जी और शत्रुघ्न सिन्हा अपनी फिल्म “जीने नहीं दूंगा” की शूटिंग के लिए मांडू आए थे, तब मैं कॉलेज में था. उस दौरान अपने कॉलेज ग्रुप के साथ पहली बार धर्मेंद्र जी को करीब से देखा, उनसे मिले. यकीन नहीं हुआ, जैसे पर्दे पर देखते थे, वह हमारे सामने थे. दूसरी बार जब यमला पगला दीवाना की शूटिंग के लिए महेश्वर आए थे, तब मुलाकात हुई. धर्मेन्द जी और उनके बेटों सनी और बॉबी देओल से भी मिलने का मौका मिला.
जैसा सुना रह वैसा ही पाया
हरचरण सिंह मुच्छाल ने कहा, धर्मेन्द्र जी देश के महान अभिनेता थे. फिल्मों में उनका अभिनय हर सीन को जीवंत कर देता था. शोले के डायलॉग दशकों बाद भी लोगों के मुंह पर रहता है. आज के दौर में उनके जैसा अभिनेता मिलना मुश्किल है. जब उन्हें पहली बार देखा तब जैसा सुना था, बिल्कुल वैसा ही पाया. आकाश सोनी ने कहा, धर्मेंद्र जी को ही-मैन बाद में कहा गया, पहले उनकी छवि चॉकलेट बॉय की थी. उन्हें लाइव देखने का अवसर महेश्वर में मिला जब, वह बाजार में एक सीन शूट कर रहे थे. मैं खुद एक गायक हूं, उनकी फिल्मों के कई गाने गाता हूं, वे हमेशा हमारे गीतों में जिंदा रहेंगे.