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khargone News: महेश्वर के नर्मदा तट पर आयोजित तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव के अंतिम दिन कला, संस्कृति और साहित्य की अनोखी छटा देखने को मिली. निमाड़ी लोक नृत्य, काठी, गणगौर सहित कथक नृत्य ने पूरे वातावरण में लोकपरंपरा की जीवंत छटा बिखेर दी.
तीन दिवसीय 31वें निमाड़ उत्सव के अंतिम दिन महेश्वर के देवी अहिल्या घाट पर क्षेत्रीय कलाकारों ने काठी, गणगौर और कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक राजकुमार मेव शामिल हुए. नर्मदा किनारे सजे भव्य सांस्कृतिक मंच पर दर्शकों ने पारंपरिक संगीत और लोक नृत्य के साथ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद लिया.

निमाड़ उत्सव के आखरी दिन खंडवा के रामदास साकल्ले और उनके समूह ने काठी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी. शिव–पार्वती आराधना पर आधारित इस नृत्य में ढोल की थाप और तालबद्ध गतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. प्रस्तुति के दौरान कलाकारों ने लोकपरंपरा की कई जटिल मुद्राओं को सहज रूप में प्रस्तुत किया.

इसी मंच पर खंडवा की ही अनुजा जोशी और समूह ने गणगौर नृत्य की विविध विधाओं का प्रदर्शन किया. रंगीन परिधानों, लोकगीतों और धीमी ताल पर थिरकते कदमों ने गणगौर की पारंपरिक रसमय छटा को जीवंत कर दिया. दर्शकों ने निमाड़ी लोकनृत्य की इस अनोखी प्रस्तुति का खूब आनंद लिया.
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खरगोन की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना गौरी देशमुख और साथियों ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी. नर्मदाष्टकम् और श्रीकृष्ण लीला पर आधारित इस प्रस्तुति में भाव, लय और पदचाप का सुंदर समन्वय देखने को मिला. दर्शकों ने तालियों की गूंज के साथ कलाकारों का उत्साह बढ़ाया.

कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसका संचालन विख्यात हास्यकवि बुद्धिप्रकाश दाधीच ने किया. वहीं, मुंबई के सुदीप भोला, इंदौर की डॉ. भुवन मोहिनी, भोपाल के राम भदावर ओज, खरगोन के डॉ. शंभूसिंह मनहर और महेश्वर के नरेंद्र श्रीवास्तव अटल ने देशभक्ति, हास्य और वीररस से ओतप्रोत कविताओं का पाठ कर दर्शको की खूब तालिया बटोरी.

उत्सव में आयोजित लाइट एंड साउंड शो भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. शो के माध्यम से महेश्वर के ऐतिहासिक महत्व, देवी अहिल्या बाई होल्कर के योगदान और नर्मदा घाट की सांस्कृतिक विरासत को रोशनी और ध्वनि के शानदार चित्रण के साथ प्रस्तुत किया गया. दर्शकों ने इस प्रस्तुति में महेश्वर के गौरवशाली इतिहास को जाना.

तीन दिवसीय उत्सव के दौरान हुई खेल प्रतियोगिता के अंतिम दिन जिला स्तरीय कबड्डी के फाइनल मुकाबले हुए. इसी के साथ रंगोली, मेहंदी, कुश्ती और नौका सज्जा प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुईं. शिक्षा विभाग के क्रीड़ा निरीक्षक हबीब बेग मिर्जा ने बताया कि सभी प्रतियोगियों में सम्मिलित विजेताओं को मंच पर सम्मानित कर नगद पुरस्कार प्रदान किए गए.