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Shivpuri News: शिवपुरी जिले के रन्नौद कस्बे में उस समय हलचल मच गई जब सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी हटाते समय एक प्राचीन प्रतिमा बाहर निकल आई. वार्ड नंबर 7 में चल रहे काम के दौरान मजदूरों को अचानक एक पत्थर पर उकेरी गई बेहद बारीक और खूबसूरत आकृति दिखाई दी
शिवपुरी जिले के रन्नौद में उस वक्त हलचल मच गई जब खजुराहो की कला से मिलती-जुलती एक पुरानी प्रतिमा मिट्टी के अंदर से निकल आई. ये कि वार्ड नंबर 7 में सड़क का काम चल रहा था. जैसे ही मजदूरों ने मिट्टी हटाना शुरू किया. अचानक एक पत्थर पर उकेरी गई बेहद बारीक और खूबसूरत आकृति नजर आई. ये जगह रन्नौद के पुराने मुख्य दरवाजे के पास है. जहाँ से पहले भी कई बार पुराने किले और इतिहास से जुड़े निशान मिले हैं. प्रतिमा की बनावट, उसकी मुद्रा और पत्थर पर की गई महीन नक्काशी देखकर लोगों ने तुरंत कहा कि अरे ये तो खजुराहो स्टाइल लग रही है.
खजुराहो की कला तो दुनिया भर में मशहूर है. उसकी बारीक कारीगरी, पत्थरों पर उकेरी गई. लाजवाब आकृतियाँ और उनकी जीवंतता देखने वाले को चौंका देती है. रन्नौद में मिली प्रतिमा भी उसी दौर की लगती है.यानी करीब 900 से 1100 ईस्वी के बीच, जब चंदेल राजाओं का समय था और कला अपने चरम पर थी.
खजुराहो स्टाइल की प्रतिमा मिलती
हालाँकि ये फिलहाल सिर्फ शुरुआती अंदाज़ा है. प्रशासन ने मामला पुरातत्व विभाग को भेज दिया है. अब विशेषज्ञों की टीम यहाँ आकर देखेगी कि प्रतिमा असल में किस युग की है, किस शैली में बनी है. इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है. प्रतिमा मिलने के बाद स्थानीय लोग रन्नौद के पुराने दरवाजों, कोट और बाकी ऐतिहासिक जगहों की सुरक्षा की माँग भी ज़ोर-शोर से करने लगे हैं. लोगों का कहना है कि अगर खजुराहो जैसी स्टाइल की प्रतिमा मिल रही है, तो ज़रूर इस जगह के इतिहास में अभी और बहुत कुछ छुपा हुआ है. यह खोज इलाके की पहचान और विरासत के लिए काफी अहम मानी जा रही है.