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Gautam Gambhir Press Conference: साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत को दूसरे टेस्ट में 408 रन से शर्मसार करने देने वाली हार मिली। हेड कोच गौतम गंभीर ने सीरीज में भारत का क्लीन स्वीप होने के बाद कहा, ‘इसकी जिम्मेदारी टीम में किसी एक सदस्य की नहीं, बल्कि सबकी है. इसकी शुरुआत मुझसे होती है.’ 25 साल बाद साउथ अफ्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज जीती है. इससे पहल 2000 में भी 2-0 से जीत दर्ज की थी.
नई दिल्ली. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को उसी के घर में मात दे दी है. गुवाहाटी में हुए दूसरे टेस्ट को 408 रन के विशाल अंतर से जीतते ही साउथ अफ्रीका ने 2-0 से टीम इंडिया का क्लीन स्वीप कर दिया. यह 25 साल में पहला मौका है, जब साउथ अफ्रीका ने भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज नाम की. गुवाहाटी में भारत को मिली टेस्ट में उसकी सबसे बड़ी हार है. इसके बाद टीम इंडिया और गौतम गंभीर को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. शर्मनाक शिकस्त के बाद गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए और उन्होंने कई सवालों के जवाब भी दिए.
हार का दोषी कौन?
गंभीर से जब इस हार के दोषी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘दोष सबका है और सबसे पहले मुझसे शुरू होता है.’ गंभीर का कहना है कि जैसे टीम जीतती है तो सबकी क्रेडिट मिलता है वैसे ही हार भी सबकी होती है. हेड कोच ने आगे कहा, ‘आप किसी एक इंसान या किसी खास शॉट को दोष नहीं दे सकते. दोष सबका है. मैंने कभी किसी एक इंसान को दोष नहीं दिया और आगे भी ऐसा नहीं करूंगा. हमें बेहतर खेलने की जरूरत है. 95/1 से 122/7 तक का स्कोर, इस तरह का प्रदर्शन कतई भी मंजूर नहीं.’
‘तेज-तर्रार और टैलेंटेड क्रिकेटरों की जरूरत नहीं…’
जब से गंभीर ने टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदार संभाली है, तब से भारत 18 में से 10 टेस्ट हार चुका है. पिछले साल न्यूजीलैंड ने भारत में आकर क्लीन स्वीप कर दिया था और अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ व्हाइटवॉश। इसका एक बड़ा कारण गंभीर का टीम में बार-बार बदलाव करना भी माना जा रहा है. टेस्ट में स्पेशलिस्ट के बजाय ऑलराउंडर पर फोकस करने की उनकी आदत के लिए भी आलोचना हो रही है. गंभीर ने टीम को लेकर कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको सबसे तेज-तर्रार और टैलेंटेड क्रिकेटरों की जरूरत नहीं है. हमें कम स्किल वाले मजबूत खिलाड़ियों की जरूरत है. वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते हैं.’
‘मेरे भविष्य का फैसला…’
गौतम गंभीर से जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट में इस काम के लिए सही आदमी हैं. जवाब में उन्होंने कहा, ‘मेरे भविष्य का फैसला BCCI को करना है. लेकिन मैं वही आदमी हूं जिसने आपको इंग्लैंड में नतीजे दिलाए और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए कोच था. यह एक ऐसी टीम है जिसके पास कम अनुभव है और मैंने पहले भी कहा है, उन्हें सीखते रहने की जरूरत है और वे हालात बदलने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.’ गंभीर ने यह भी कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देना शुरू करना होगा. अगर हम चाहते हैं कि भारत में टेस्ट क्रिकेट आगे बढ़े, तो हमें मिलकर यह करना होगा.’
ऋषभ पंत ने क्या कहा?
स्टैंड-इन कप्तान ऋषभ पंत ने माना कि भारत को एक टेस्ट टीम के तौर पर बेहतर होने की जरूरत है और कहा कि सिर्फ घरेलू हालात में खेलने की वजह से नतीजों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. पंत ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में कहा, ‘यह थोड़ा निराशाजनक है. एक टीम के तौर पर हमें बेहतर होने की ज़रूरत है. हमें विरोधी टीम को क्रेडिट देना होगा. उन्होंने सीरीज में दबदबा बनाया, लेकिन साथ ही आप क्रिकेट को हल्के में नहीं ले सकते.
नवंबर 2025 से नेटवर्क 18 ग्रुप में सब एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में 3 साल का अनुभव. जी न्यूज से खेल पत्रकारिता में डेब्यू किया. क्रिकेट के साथ-साथ हॉकी और बैडमिंटन के बारे में भी लिखने में दिलचस्पी. मा…और पढ़ें
नवंबर 2025 से नेटवर्क 18 ग्रुप में सब एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में 3 साल का अनुभव. जी न्यूज से खेल पत्रकारिता में डेब्यू किया. क्रिकेट के साथ-साथ हॉकी और बैडमिंटन के बारे में भी लिखने में दिलचस्पी. मा… और पढ़ें