मध्य प्रदेश में माननीयों का वेतन बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। विधायकों के वेतन में 60 हजार रुपए की बढ़ोतरी होगी। अब उन्हें 1 लाख 70 हजार रुपए मिलेंगे। वहीं, पूर्व विधायकों का पेंशन भत्ता 58 हजार करने पर सहमति बनी है। वहीं मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्य
.
संसदीय कार्य विभाग ने गुरुवार को इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे सैद्धांतिक सहमति के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि माननीयों के वेतन-भत्तों में बढ़ोत्तरी से संबंधित विधेयक 1 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लाया जाए। बता दें कि मध्य प्रदेश में 9 साल बाद विधायक और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। पड़ोसी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ पहले ही माननीयों के वेतन में बढ़ोतरी कर चुके हैं। पढ़िए रिपोर्ट
विधानसभा में अध्यक्ष ने की थी घोषणा दरअसल, इसी साल बजट सत्र के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार व अन्य विधायकों ने सदन में वेतन-भत्ते बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने आसंदी से कहा कि यदि सरकार विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने पर विचार करने के लिए समिति का गठन करें तो विधानसभा अपनी सिफारिश भेज सकती है।
इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सहमति जताई। इसके बाद 27 अक्टूबर को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इस कमेटी में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के अलावा बीजेपी विधायक अजय विश्नोई और खरगोन जिले के कसरावद से विधायक सचिन यादव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन को सदस्य सचिव बनाया गया।
कमेटी ने अपना प्रस्ताव भेजा कमेटी ने दो दौर की चर्चा कर वेतन, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव तैयार कर अपनी सिफारिश राज्य शासन को भेजी। इसमें पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल किया गया था, लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया कि इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते बढ़ाने पर भी विचार किया जाए, इसके बाद नए सिरे से कमेटी ने प्रस्ताव तैयार किया।

विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह (गुढ़) ने वेतन बढ़ोतरी को लेकर मई के महीने में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
अब जानिए किसका कितना वेतन बढ़ेगा
विधायकों के वेतन में 54 फीसदी की बढ़ोतरी संभावित आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, विधायकों के वेतन में करीब 60 हजार रुपए की वृद्धि की जा सकती है। यह वर्तमान वेतन की करीब 54 प्रतिशत होगी। इस तरह विधायकों का वेतन बढ़कर 1 लाख 70 हजार रुपए हो जाएगा। इससे पहले वर्ष 2016 में प्रदेश के विधायकों के वेतन, भत्तों में वृद्धि की गई थी। MP में विधायकों का कुल वेतन एक लाख 10 हजार रुपए है। इसमें 30 हजार रुपए बेसिक सैलरी और 80 हजार रुपए मासिक भत्तों के रूप में मिलते हैं।
विधायकों का सबसे ज्यादा 2.88 लाख वेतन झारखंड में झारखंड में विधायकों को पूरे देश में सबसे ज्यादा वेतन मिलता है। झारखंड के विधायकों का कुल वेतन 2.88 लाख रुपए है। इसके बाद विधायकों को सबसे ज्यादा वेतन देने वाला दूसरा राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में विधायकों को हर माह 2.60 लाख रुपए वेतन मिलता है। इस सूची में तीसरे नंबर पर तेलंगाना आता है। तेलंगाना के विधायकों का वेतन 2.50 लाख रुपए है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में विधायकों का वेतन सबसे कम है।

विधायकों का बीमा कराने पर फैसला नहीं हुआ समिति के सामने यह प्रस्ताव भी आया था कि विधायकों का 10 लाख रुपए तक का बीमा कराया जाए, लेकिन इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया। समिति के सामने विधायकों के परिवार के सदस्यों के इलाज के खर्च पर विचार विमर्श किया गया। इस पर भी सहमति नहीं बन पाई। सरकार ने बीमा कराने के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी, क्योंकि विधायकों के इलाज का पूरा खर्च सरकार के खजाने से ही होता है।
पूर्व विधायकों की पेंशन में हो सकता है 66 फीसदी का इजाफा मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि पूर्व विधायकों की पेंशन में 66 फीसदी का इजाफा हो सकता है। वर्तमान में पूर्व विधायकों को 20 हजार रुपए पेंशन और 15 हजार रुपए चिकित्सीय सहायता मिलाकर 35 हजार रुपए मिलते हैं। अब इसमें 23 हजार रुपए का इजाफा कर 58 हजार रुपए किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष की सैलरी में 27 फीसदी का इजाफा विधायक और पूर्व विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष की सैलरी में भी इजाफा करने पर सहमति बनी है। विधानसभा में चुनकर आए वरिष्ठ विधायक को ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जाता है। उसे हर महीने 47 हजार रुपए वेतन, 48 हजार रुपए सत्कार भत्ता, 45 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के साथ हर दिन 1500 रुपए दैनिक भत्ता भी दिया जाता है।
इस तरह से विधानसभा अध्यक्ष को वेतन और भत्ते के रूप में कुल 1 लाख 85 हजार रुपए महीना मिलता है। अब इसमें 27 फीसदी का इजाफा करते हुए ये राशि 2 लाख 35 हजार रुपए करने का प्रस्ताव है। वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष को फिलहाल 45 हजार रुपए महीना वेतन, 45 हजार रुपए महीने सत्कार भत्ता, 35 हजार महीने निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और 1500 रुपए हर दिन दैनिक भत्ता मिलता है।
इस तरह से 1 लाख 70 हजार रुपए महीना मिलता है। अब इसमें 18 फीसदी की बढ़ोतरी कर 2 लाख किए जाने का प्रस्ताव है।
नेता प्रतिपक्ष का वेतन- भत्ता 2.20 लाख करने का प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष को हर महीने 45 हजार रुपए वेतन, 45 हजार रुपए सत्कार भत्ता, 35 हजार निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, डेढ़ हजार रुपए प्रतिदिन दैनिक भत्ता दिया जाता है। इस प्रकार हर महीने 1 लाख 70 हजार रुपए मिलते है। अब इसमें 29 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए ये 2 लाख 20 हजार रुपए किए जाने का प्रस्ताव है।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन भत्ते में करीब 30 फीसदी का इजाफा संसदीय कार्य विभाग ने मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्यमंत्रियों के वेतन भत्ते भी प्रस्तावित किए हैं। मुख्यमंत्री को हर महीने 50 हजार रुपए वेतन, 55 हजार रुपए सत्कार भत्ता, 50 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 45 हजार रुपए मासिक (राज्य से बाहर रहने पर 2500 प्रतिदिन) दैनिक भत्ता मिलता है। इस तरह से मुख्यमंत्री को करीब 2 लाख रुपए मिलते हैं। अब ये राशि 2.60 लाख रु. करने का प्रस्ताव है।
इसी तरह मंत्रियों को हर महीने 45 हजार रुपए वेतन, 45 हजार रुपए सत्कार भत्ता, 35 हजार निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 45 हजार रुपए मासिक (राज्य से बाहर रहने पर 2500 प्रतिदिन) दैनिक भत्ता मिलता है। कुल मिलाकर 1 लाख 70 हजार रुपए महीने दिए जाते हैं। इसे बढ़ाकर 2.20 लाख करने का प्रस्ताव है।
वहीं राज्य मंत्रियों को हर महीने 40 हजार रुपए वेतन, 34 हजार रुपए सत्कार भत्ता, 31 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 45 हजार रुपए मासिक (राज्य से बाहर रहने पर 2500 प्रतिदिन) दैनिक भत्ता मिलता है। कुल मिलाकर 1 लाख 50 हजार रुपए महीने मिलते हैं। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है।
