हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष के सभी महीनों का अपना महत्व है, लेकिन अगहन (जिसे मार्गशीर्ष माह भी कहते हैं) को उत्तम और श्रेष्ठ माना गया है. यह महीना भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है और इसमें मुख्य रूप से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. माना जाता है कि विष्णु भगवान की पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में कभी धन की कमी नहीं आती है.
स्कंद पुराण और भागवत पुराण सहित अन्य शास्त्रों में अगहन माह में किए जाने वाले कुछ आसान लेकिन अत्यधिक प्रभावी उपायों का वर्णन मिलता है, जिन्हें अपनाने से लाभ उठाया जा सकता है.
मार्गशीर्ष माह में किए जाने वाले 7 विशेष और प्रभावी उपाय:
1 घी का दीपक: स्कंद पुराण के अनुसार, जो भी भक्त इस महीने में भगवान के समक्ष घी का दीपक प्रज्ज्वलित करता है, उसका सोया हुआ भाग्य जाग जाता है.
2 तुलसी चंदन तिलक: भागवत पुराण के अनुसार, यदि श्रद्धालु सूखी तुलसी की लकड़ी को घिसकर उसके चंदन का तिलक भगवान को लगाते हैं, तो उन्हें सौ जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और इस जन्म में धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
3 तुलसी मंजरी से पूजन: अगहन महीने में तुलसी की मंजरी के साथ भगवान का पूजन और आराधना करने से व्यक्ति सौ जन्मों तक मोक्ष का भागी बनता है और उसके पास अपार धन आता है.
4 शहद से अभिषेक: पंडित शिव प्रसाद तिवारी बताते हैं कि वैसे तो शहद का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है, लेकिन अगर इसी शहद से अगहन महीने में रोजाना भगवान का अभिषेक किया जाए, तो उस व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. यदि उसका पृथ्वी पर दोबारा जन्म होता है, तो वह दिलदार, मददगार और राजाओं जैसा होता है.
5 दूध से अभिषेक: जीवन में किए गए पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान का दूध से स्नान और अभिषेक करवाना चाहिए. ऐसा करने से बड़े से बड़ा पाप भी कट जाता है.
6 शंख ध्वनि: पूजन के दौरान शंख ध्वनि बजाने से पितरों को स्वर्ग में विशेष स्थान प्राप्त होता है.
7 घंटी बजाना: पूजन के समय जब हम भगवान को स्नान कराते हैं, चंदन लगाते हैं, पुष्प, वस्त्र अर्पित करते हैं या बत्ती जलाते हैं, तो हर बार घंटी बजानी चाहिए. ऐसा करने से सौ चंद्रायण व्रत करने का फल प्राप्त होता है.
इसके अलावा, पुराणों के अनुसार, अगहन माह में भगवद्गीता का पाठ करना विशेष फलदायी माना गया है. साथ ही, इस माह में ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप प्रतिदिन करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है.