हाईकोर्ट ने कहा: घर तोड़ना हो तो निगम को डंपर-बुलडोजर सबकुछ मिल जाता है, पर बीआरटीएस की रैलिंग तोड़कर डिवाइडर नहीं बना पा रहे – Indore News

हाईकोर्ट ने कहा:  घर तोड़ना हो तो निगम को डंपर-बुलडोजर सबकुछ मिल जाता है, पर बीआरटीएस की रैलिंग तोड़कर डिवाइडर नहीं बना पा रहे – Indore News



हाई कोर्ट ने आदेश के 9 महीने बाद भी बीआरटीएस की रैलिंग नहीं हटाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। इंदौर के ट्रैफिक सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई में प्रशासनिक जज विजयकुमार शुक्ला और जस्टिस बिनोदकुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा क

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रैलिंग के मामले में क्या हो गया? क्या निगम के पास इतने भी संसाधन नहीं है कि वह खुद रैलिंग तोड़कर डिवाइडर बनवा सके। पीठ ने वहां उपस्थिति कलेक्टर शिवम वर्मा और निगमायुक्त दिलीप यादव से पूछा कि काम की गति इतनी धीमी क्यों है? कोर्ट ने फरवरी में रैलिंग हटाने के आदेश दिए थे। राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से सीनियर एडवोकट अजय बागड़िया, शिरीन सिलावट पैरवी कर रहे हैं।

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हाई कोर्ट- अब तक रैलिंग क्यों नहीं हट पाई, मकान तोड़ने में तो सब संसाधन मिल जाते हैं? कमिश्नर – 15 दिनों में रैलिंग हटा दी जाएगी। डिवाइडर और फुटपाथ के पुनर्निर्माण में लगभग छह महीने का समय लगेगा।

हाई कोर्ट – भोपाल में बीआरटीएस नौ दिन में हट गया था। कमिश्नर- तेजी से काम चल रहा है, भंवरकुआं से नौलखा, इंदिरा प्रतिमा से शिवाजी वाटिका रैलिंग हटाकर रोड़ चौड़ी कर रहे हैं। बागड़िया- ऐसा लगता ही नहीं कि इंदौर प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है। हर तरफ गड्ढे, खराब सड़कें, स्ट्रीट लाइट बंद, रोड किनारे अतिक्रमण है।

हाई कोर्ट- कमिश्नर एक समिति गठित करें, जो बीआरटीएस हटाने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत करे।

16 को पालना रिपोर्ट के साथ उपस्थित हों निगमायुक्त कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, सड़कों के किनारे अतिक्रमण, धर्मस्थलों के निर्माण पर अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए। यह भी कहा कि डीजे और लाउड स्पीकर का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है, इस पर भी कार्रवाई हो। कोर्ट ने 16 दिसंबर को अगली सुनवाई में निगमायुक्त को उपस्थित रहकर पालन-प्रतिवेदन रिपोर्ट देने को कहा है।



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