विश्व दिव्यांग दिवस बैतूल में खेलकूद प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने डांस, गायन और मेहंदी, रंगोली-पेंटिंग बनाई।
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सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की रोशनी वर्मा ने कहा कि यह दिवस सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि उन विशेष बच्चों के अधिकारों और सुविधाओं को तय करने के लिए है, जिनके लिए विभिन्न संगठन कार्यरत हैं। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ की शपथ भी दिलाई।
जिला शिक्षा केंद्र के श्री भूपेंद्र वरकड़े ने बताया कि समाज में ऐसे बच्चों को पहले पर्याप्त सम्मान नहीं मिलता था। अब उन्हें समाज से जोड़ने और उनकी उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बच्चों ने उत्साह और आत्मविश्वास के साथ खेलकूद और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इस आयोजन ने न सिर्फ दिव्यांगजनों की प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि समाज में समावेशिता, समानता और सशक्तिकरण का संदेश भी प्रसारित किया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि दिव्यांगजनों को समान अवसर और सम्मान प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। उनके विकास और सशक्तिकरण के लिए समाज को निरंतर सहयोग और प्रोत्साहन देना चाहिए। यह आयोजन दर्शाता है कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग हैं और उसकी ताकत व प्रेरणा भी हैं, जो उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का मंच प्रदान करता है।







