आरोपी कियोस्क संचालक आनंद बागड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उज्जैन में ग्राहकों के बायोमैट्रिक का यूज कर 32 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक के बाद एक कई लोगों की शिकायत पुलिस के पास पहुंचने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो कियोस्क संचालक की धोखाधड़ी सामने आ गई। पुलिस ने गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार क
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श्रीकृष्ण कॉलोनी निवासी शगुन ऑनलाइन सेंटर संचालक आनंद बागड़िया पर लोगों से कियोस्क सेंटर के माध्यम से 3 बैंक के 62 खाताधारकों से करीब 32 लाख रुपए ठगने के आरोप लगे हैं। नवंबर माह में कई लोगों ने उसके खिलाफ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद से ही आनंद परिवार के साथ फरार चल रहा था।
आरोपी आनंद बागड़िया एमपी ऑनलाइन सेंटर संचालित करता था और उसके बाद तीन बैंकों के कियोस्क सेंटर भी हैं। जिसके जरिए उसने रुपए निकलवाने आए बैंक के खाताधारकों के अकाउंट से रुपए निकालकर मां सरिता, पत्नी गायत्री और खुद के दो अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।
ग्राहकों को वो लिंक फेल होने या अन्य बहाना बताकर रुपए नहीं देता था। इस तरह उसने 1 जनवरी से 14 नवंबर तक कुल 32 लाख 41 हजार 670 रुपए की धोखाधड़ी की थी।
बायोमैट्रिक हस्ताक्षर अंगूठा निशान लेकर की धोखाधड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एनआईसीटी कंपनी के साथ आरोपी बैंकिंग कियोस्क संचालन वर्ष 2016 से कर रहा था। पिछले एक वर्ष से आरोपी उपभोक्ताओं के खातों से राशि निकालकर उन्हें भुगतान नहीं कर रहा था।
आरोपी ने ग्राहकों के अंगूठे का बायोमैट्रिक हस्ताक्षर या अंगूठा निशान लेकर खातों से राशि निकालकर स्वयं आनंद बागड़िया, शगुन एमपी ऑनलाइन (कियोस्क खाता) गायत्री हुकुमचंद और सरिता बागड़िया के खाते में राशि ट्रांसफर की। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी से कुल 2.50 लाख की राशि पुलिस ने जब्त की है।
क्रिप्टो करंसी के चक्कर में हुआ बर्बाद पुलिस टीम द्वारा बुधवार को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई जिसके बाद संभावित स्थानों पर दबिश देकर चंद घंटों में ही आरोपी आनंद बागड़िया (32) , निवासी श्रीकृष्ण कॉलोनी उज्जैन को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ठगी की राशि को एक फर्जी टेलीग्राम की लिंक के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया थ। जहां आरोपी के साथ साइबर धोखाधड़ी हुई जिसके संबंध में आरोपी ने राज्य साइबर में आवेदन भी दिया है।