मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की रसोई हमेशा से अपने देसी स्वाद और पारंपरिक व्यंजनों के लिए जानी जाती है. सर्दियों के मौसम में यहां कई तरीके के अचार बनाए जाते हैं. अमला, नींबू मिर्च और कई तरह की सब्जियों के अचार लेकिन एक ऐसा अचार भी है जिसका इंतजार लोग सालभर करते हैं. वह खास अचार है जिमीकंद (सुरन) का अचार. आमतौर पर इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है, लेकिन इसका अचार भी बेहद स्वादिष्ट और लंबे समय तक टिकने वाला होता है.
विंध्य क्षेत्र के कई जिले जैसे रीवा, सतना, सीधी और शहडोल में महिलाएं इस आचार को बेहद शौक के साथ बनती हैं. पुराने जमाने से यह अचार इन इलाकों के अधिकांश घरों में देखने को मिलता है. इसका स्वाद इतना लजीज होता है कि लोग इसका जमकर स्वाद उठाते हैं.
लोकल 18 से बातचीत में विशेषज्ञ डॉक्टर आर. पी. परौहा बताते हैं सूरन अत्यंत दीपन और पाचक माना जाता है. सूरन का अचार न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाइल्स मरीजों के लिए यह अमृत समान है. पेट से जुड़ी दवाओं में सूरन का उपयोग जरूरी माना गया है. पकाने पर होने वाली कलबलाहट समाप्त हो जाती है और अचार बनाने पर इसमें विटामिन-C की मात्रा और बढ़ जाती है।
बनाने की विधि
रेसिपी साझा करते हुए लोकल 18 से बातचीत में विशेषज्ञ डॉक्टर आर. पी. परौहा बताते हैं कि सूरन का अचार बनाना बेहद आसान है और बेहद कम समान में ही इसे आसानी से घर पर तैयार किया जा सकता है. जिमीकंद में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन सी, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. यह पाचन के लिए अच्छा होता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है. नियमित रूप से इसका सेवन करने से पाचन मजबूत होता है और वजन नियंत्रित रहता है.
डॉक्टर आर. पी. परौहा बताते हैं कि सबसे पहले जिमीकंद को अच्छी तरह धोकर साफ कर ले, फिर इमली के पत्ते डालकर उसका जहर निकालने के लिए पाक ले, फिर पाक जाने के बाद छिलकर और छोटे टुकड़ों में काट लें, उसके बाद 10 से 15 मिनट तक ऐसे छोड़ दें, फिर एक कड़ाही में सरसों का तेल गर्म करें, जब तेल हल्का धुआं देने लगे तो गैस बंद कर दें और तेल को थोड़ा ठंडा होने दें, उसके बाद जिमीकंद को उसी में डाल दें, अब इसमें सरसों दाना, सौंफ, हल्दी, लाल मिर्च, हींग और नमक डालें, तैयार अचार को साफ और सूखे कांच के जार में भरें.जार को 2-3 दिन तक धूप में रखें ताकि अचार अच्छे से सेट हो जाए और उसमें मसालों का स्वाद अच्छी तरह उतर जाए.
कैसे करें स्टोर
डॉक्टर आर. पी. परौहा बताते हैं कि घर पर बना जिमीकंद का अचार स्वाद में खट्टा होने के साथ बहुत हेल्दी भी होता है. इसमें कोई केमिकल या प्रिजर्वेटिव नहीं डाला जाता, जिससे यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है. यह अचार खाने के साथ स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ पाचन में भी मदद करता है. इसे रोटी, पराठा या दाल-चावल के साथ खाएं, इसका स्वाद हर बार लाजवाब लगेगा. आचार को स्टोर करने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग किया जाता है.