निवाड़ी कलेक्टर जमुना भिडे ने बढ़ती ठंड के मद्देनजर ओरछा नगर का देर रात दौरा किया। उन्होंने सड़कों, बेतवा किनारे, मंदिर परिसर और गंज मोहल्ले में जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए। यह अभियान रात 11 बजे तक जारी रहा।
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कलेक्टर ने विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े और कंबल दिए। बच्चों को गर्म टोपियां भी वितरित की गईं। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से उनकी पेंशन और राशन की वास्तविक स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
कलेक्टर भिडे का यह मानवता का सफर रात 9 बजे शुरू हुआ। सबसे पहले वे मंदिरों के आसपास रहने वाले परिवारों के पास पहुंचीं, जहां कई बुजुर्ग खुले में ठंड से जूझ रहे थे। उन्होंने स्वयं आगे बढ़कर उनके कंधों पर कंबल रखे।
बच्चों को गर्म टोपी और कपड़े वितरित करवाए
ओरछा के गंज मोहल्ले में बच्चों को ठंड से कांपते देख कलेक्टर ने तत्काल अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके बाद बच्चों को गर्म टोपी और कपड़े वितरित करवाए गए। उन्होंने बच्चों से व्यक्तिगत रूप से बात की और ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी।
नगर के अलग-अलग कोनों में सो रहे बेघर लोगों को उठाकर उनके पास जाकर कंबल ओढ़ाया गया। कई ऐसे लोग थे जो बिना किसी सुरक्षा के खुले में सोते दिखे। कलेक्टर ने उनसे पूछताछ की कि कहां से आए हो, कब से ओरछा में हो?

भोजन और पानी की व्यवस्था हो पाती है या नहीं। यह बातचीत केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि उनकी दिक्कतों को समझकर तुरंत समाधान करने का प्रयास भी थी। रात करीब 11.30 बजे एक गरीब व्यक्ति हरिराम कलेक्टर के सामने आया। वह फूट पड़ा और कहा कि मैडम, पेंशन नहीं मिलती, कुछ भी नहीं मिलता, कैसे जियूं। इसके बाद अन्य अधिकारियों ने उनका नाम नोट किया और मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद हरिराम की आँखों में भय नहीं, उम्मीद चमक रही थी।

महिलाओं ने बताई पेंशन की सच्चाई
कई गरीब महिलाओं ने बताया कि उन्हें 600 रुपए पेंशन और कंट्रोल का राशन मिलता है। इस मानवीय यात्रा में तहसीलदार सुनील वाल्मीकि समेत प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। कलेक्टर के साथ-साथ पूरी टीम उन संकरे मोहल्लों में पहुंची जिनके दरवाजे पर शायद ही कोई अधिकारी पहले कभी खड़ा हुआ हो। रात के 12 बजे तक कंबल वितरण की यह प्रक्रिया जारी रही।