देश की सबसे प्रतिष्ठित कानून प्रवेश परीक्षा CLAT 2026 को लेकर इस बार छात्रों में असमंजस और उम्मीद, दोनों का माहौल देखने को मिला। पिछले वर्ष की बेहद आसान परीक्षा और उससे जुड़े विवादों के कारण उम्मीदवार इस बार पहले से ही दबाव में थे।
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लीगलेज भोपाल के फाउंडर हर्ष गगरानी के मुताबिक, इस साल का पेपर न तो बहुत आसान था और न ही जरूरत से ज्यादा कठिन, बल्कि संतुलित और तार्किक रूप से डिजाइन किया गया था।
रविवार को हुई परीक्षा में भोपाल से करीब 1600 छात्रों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया। 105 या उससे अधिक सही प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए देश के शीर्ष नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में दाखिले की मजबूत संभावना बनती है।
इंग्लिश सेक्शन में साहित्यिक गद्यांशों का बदला पैटर्न इस वर्ष CLAT के इंग्लिश लैंग्वेज खंड में स्पष्ट रूप से पैटर्न में बदलाव देखने को मिला। पहले जहां ज्यादातर समाचार आधारित गद्यांश पूछे जाते थे, इस बार फोकस साहित्यिक और विश्लेषणात्मक पाठ्यांशों पर रहा। इतिहास और उपन्यासों से जुड़े अंश शामिल किए गए, जिससे पढ़ने की शैली ज्यादा गहराई वाली हो गई।
हालांकि गद्यांशों की भाषा अपेक्षाकृत सरल और समझने योग्य रही, लेकिन शब्द-भंडार (वोकैबुलरी) आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई। कई सवालों में संदर्भ के अनुसार शब्दों के अर्थ निकालने थे, जिससे यह खंड सावधानीपूर्वक पढ़ने वालों के लिए अच्छा स्कोरिंग एरिया साबित हुआ।
भोपाल से करीब 1600 छात्रों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया।
लॉजिकल रीजनिंग सबसे कठिन और निर्णायक इस साल की परीक्षा का असली टर्निंग पॉइंट लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सेक्शन इस बार का सबसे कठिन और समय लेने वाला हिस्सा साबित हुआ। पारंपरिक क्रिटिकल रीजनिंग की जगह इस बार एनालिटिकल रीजनिंग पर अधिक जोर दिया गया।
कई प्रश्न मल्टी-लेयर सोच और डीप एनालिसिस की मांग कर रहे थे, जिससे औसत छात्रों के लिए यह खंड चुनौतीपूर्ण बन गया। यही वजह रही कि इसी सेक्शन ने मेरिट की तस्वीर को काफी हद तक तय किया और यह पूरे पेपर का सबसे निर्णायक भाग माना जा रहा है।
करेंट अफेयर्स बने स्कोर बूस्टर सेक्शन लीगल रीजनिंग सेक्शन इस बार तुलनात्मक रूप से सरल और अनुमान योग्य रहा। सवाल ज्यादातर समकालीन कानूनी मुद्दों और बुनियादी कानूनी सिद्धांतों पर आधारित थे, जिससे अच्छी तैयारी करने वाले छात्रों को काफी फायदा हुआ। इसके साथ ही जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स का खंड इस साल का सबसे आसान और सबसे ज्यादा अंक दिलाने वाला हिस्सा बनकर उभरा।
सवाल सीधे, तथ्य आधारित और स्पष्ट भाषा में पूछे गए, जिससे समय की बचत हुई और सटीक उत्तर देने की संभावना ज्यादा रही। इस कारण कई छात्रों ने इस सेक्शन से अपने कुल स्कोर को मजबूत किया।

एक्सपर्ट बोले- 105 या उससे अधिक सही प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में दाखिले की मजबूत संभावना है।
क्वांटिटेटिव टेक्निक्स रहा आसान लेकिन समय लेने वाला क्वांटिटेटिव टेक्निक्स सेक्शन का स्तर इस वर्ष आसान से मध्यम के बीच रहा, लेकिन इसमें गणनाओं की भूमिका ज्यादा रही। अधिकतर प्रश्न रेशियो, परसेंटेज, प्रपोर्शन और बेसिक अरिथमेटिक पर आधारित थे। डेटा क्लियर और प्रश्न सीधे थे, जिससे कन्फ्यूजन की संभावना कम रही।
हालांकि कुछ सवालों में हल्की-फुल्की गणनाओं के कारण समय अधिक लगा। जिन छात्रों की गणितीय पकड़ अच्छी थी, उनके लिए यह सेक्शन फायदे का सौदा साबित हुआ। कुल मिलाकर यह हिस्सा डराने वाला नहीं, बल्कि स्ट्रेट-फॉरवर्ड और स्कोरिंग रहा।
पिछली बार की तुलना में कहीं अधिक संतुलित और निष्पक्ष हर्ष गगरानी के अनुसार, CLAT 2026 का पेपर पिछली बार की तुलना में कहीं अधिक संतुलित और निष्पक्ष रहा। CLAT 2025 में जहां अस्थिरता और विवादों की बात सामने आई थी। वहीं, इस बार प्रश्नपत्र ज्यादा संरचित और न्यायपूर्ण नजर आया।
लॉजिकल रीजनिंग ने परीक्षा की वास्तविक कठिनाई तय की, जबकि लीगल रीजनिंग और करेंट अफेयर्स ने स्कोर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इंग्लिश सेक्शन में साहित्यिक ट्रेंड उभरा और क्वांटिटेटिव टेक्निक्स सरल रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार कटऑफ मध्यम से उच्च स्तर पर रहने की संभावना है।