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Ratapani Tiger Reserve: डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी टाइगर रिजर्व) की स्थापना का एक साल 3 दिसंबर को पूरा हो गया है. ऐसे में करमई और घोड़ापछाड़ नामक दो नए गेट पर्यटकों के लिए खोले गए हैं. वहीं, अब 8 दिसंबर, सोमवार से ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो गई है. जानें क्या खास…
रातापानी टाइगर रिजर्व की स्थापना का एक साल 3 दिसंबर को पूरा हो गया है. ऐसे में करमई और घोड़ापछाड़ नामक दो नए गेट पर्यटकों के लिए खोले गए हैं. वहीं, अब 8 दिसंबर, सोमवार से ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो गई है. ऐसे में जंगल सफारी का मजा अब दोगुना हो जाएगा.

बता दें, ये दोनों क्षेत्र कम मानव हस्तक्षेप वाले माने जाते हैं, जहां बाघ, तेंदुआ, भालू और अन्य दुर्लभ प्रजातियों की नियमित गतिविधियां दर्ज होती रही हैं. ऐसे में जंगल सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को आसानी से जंगली जानवरों के दीदार हो जाएंगे.

आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक साल में देलावाड़ी और झिरी गेटों से करीब 5 हजार पर्यटकों ने सफारी की है, जिनमें लगभग 500 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे. राजधानी से 50 किमी दूर टाइगर रिजर्व में दो और गेट खुलने से अब सफारी का दायरा दोगुना होने की उम्मीद है.
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इससे पहले स्थापना दिवस के मौके पर दो नए सफारी वाहनों का शुभारंभ भी किया गया है. आज से चारों गेटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है. बुकिंग में करमई और घोड़ापछाड़ गेट को भी पोर्टल पर जोड़ा जा रहा है. नए गेट और सुविधाएं शुरू होने से पर्यटकों को पहले से अधिक रोमांचक और प्राकृतिक सफारी अनुभव मिलेगा.

रातापानी टाइगर रिजर्व में 2026 के राष्ट्रीय बाघ आकलन का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस बार 450 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जो 24 घंटे बाघों की गतिविधियां रिकॉर्ड कर रहे हैं.

फील्ड टीमें पगमार्क, खरोंच, विष्ठा और मूत्र छिड़काव जैसे साक्ष्य एकत्र कर तुरंत एम-स्ट्राइप्स ऐप पर अपलोड कर रही हैं. इससे बाघ से संबंधित सटीक अनुमान मिलता है. डिजिटल इनपुट्स का विश्लेषण वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा. अंतिम रिपोर्ट अगले साल 2027 में आएगी.