सदन के बाहर विपक्ष ने, भीतर अपनों ने घेरा: 4 दिन के सत्र में 23 घंटे चर्चा, हवाला लूटकांड-लैंड पूलिंग समेत बड़े मुद्दों पर बहस नहीं – Madhya Pradesh News

सदन के बाहर विपक्ष ने, भीतर अपनों ने घेरा:  4 दिन के सत्र में 23 घंटे चर्चा, हवाला लूटकांड-लैंड पूलिंग समेत बड़े मुद्दों पर बहस नहीं – Madhya Pradesh News


मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया, लेकिन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। इस सत्र में विपक्ष की भूमिका सदन के बाहर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन तक सीमित रही, जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही अपनी सरकार को घेरकर ‘असली विपक्ष’ की

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पांच दिनों तक चले इस सत्र की चार बैठकों में 100 तारांकित सवालों में से 60 सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही पूछे। वहीं, विपक्ष सिवनी हवाला कांड और लैंड पुलिंग जैसे गंभीर मुद्दों पर सदन में खामोश रहा।

सत्र के दौरान चार विधेयक पारित हुए और 13,474 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया, लेकिन विधायकों की गैरहाजिरी भी चर्चा का विषय बनी रही। पढ़िए इस सत्र से जनता को क्या हासिल हुआ?

सदन के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन: पूतना, बंदर और प्रतीकों की राजनीति विपक्ष ने सदन के भीतर सार्थक बहस करने के बजाय, बाहर प्रदर्शनों पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया

  • पहला दिन (पूतना का भेष): कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले पर महिला विधायक सेना पटेल ‘पूतना’ का भेष धरकर और गले में कफ सिरप की माला पहनकर पहुंचीं।
  • दूसरा दिन (‘चिड़िया चुग गई खेत’): किसानों की समस्याओं को उजागर करने के लिए कांग्रेस विधायक ‘चिड़िया चुग गई खेत’ की झांकी लेकर विधानसभा पहुंचे।
  • तीसरा दिन (बंदर का भेष): जुन्नारदेव से कांग्रेस विधायक सुनील उईके हाथ में उस्तरा लेकर और बंदर का मुखौटा पहनकर पहुंचे, जिसे उन्होंने ‘बंदर के हाथ में उस्तरा’ कहावत से जोड़कर सरकार पर निशाना साधा

इन गंभीर मुद्दों पर सदन में खामोश रहा विपक्ष

  • सिवनी हवाला लूट कांड: 8-9 अक्टूबर को हुए इस कांड में पुलिस अधिकारियों पर 1 करोड़ की डील करने के आरोप लगे थे। सोशल मीडिया पर मुखर रही कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी।
  • लैंड पुलिंग विवाद: किसानों के बड़े आंदोलन के बावजूद, जिसमें RSS से जुड़े किसान नेता भी शामिल थे, कांग्रेस सदन में इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाने में नाकाम रही।
  • गौहरगंज रेप कांड: सत्र से ठीक 10 दिन पहले हुई इस दिल दहला देने वाली घटना और उससे उपजे सांप्रदायिक तनाव पर भी विपक्ष ने कोई ठोस बहस नहीं की।

जब अपनों ने ही निभाई ‘विपक्ष’ की भूमिका सत्र की सबसे चौंकाने वाली बात सत्ता पक्ष के विधायकों का अपनी ही सरकार से तीखे सवाल पूछना था।

1. खंडवा की सुरक्षा पर सरकार और मंत्री आमने-सामने सत्र के दूसरे दिन खंडवा की भाजपा विधायक कंचन तनवे ने अपने क्षेत्र में SAF बटालियन की मांग उठाई। इस पर राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि खरगोन में बटालियन प्रस्तावित है, खंडवा में जरूरत नहीं।

विधायक तनवे ने पलटवार किया: ‘खंडवा के एक मदरसे से 20 लाख के नकली नोट मिले हैं। यह इलाका सिमी जैसी आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है। वहां तुरंत बटालियन की जरूरत है।’

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने समर्थन किया: ‘खंडवा इतना संवेदनशील है कि वहां बिना पुलिस सुरक्षा के त्योहार नहीं मनाए जा सकते। विधायक की मांग पूरी तरह सही है।’

मंत्री विजय शाह भी समर्थन में उतरे: ‘यह जिला आतंकियों की हिट लिस्ट में रहा है। यहां जेल टूटने और एनकाउंटर जैसी घटनाएं हो चुकी हैं।’

बढ़ते दबाव के बाद राज्यमंत्री पटेल बैकफुट पर आ गए और कहा कि मंत्री विजयवर्गीय के बयान को ही सरकार की आधिकारिक राय माना जाए।

2.भ्रष्टाचार, जनता की समस्या पर भी बीजेपी विधायक मुखर राजेंद्र पांडे (भाजपा): ‘निजी स्कूलों में मनमानी फीस, यूनिफॉर्म और किताबों को लेकर लूट मची है। वॉशरूम में कैमरे लगाए जा रहे हैं। सरकार क्या कर रही है?’

सरकार का जवाब: हम जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे।

भगवानदास सबनानी (भाजपा): ‘RGPV विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं पर क्या कार्रवाई हुई? क्या धारा 54 लगाई जाएगी?’

सरकार का जवाब: फॉरेंसिक ऑडिट चल रहा है, अंतिम रिपोर्ट नहीं मिली है।

दिनेश राय मुनमुन (भाजपा): ‘बसों में अवैध किराया वसूला जा रहा है। सिवनी से नागपुर के 275 और जबलपुर के 300 रुपए लिए जा रहे हैं। यात्रियों को टिकट तक नहीं दिया जाता।’

सरकार का जवाब: बसों की नियमित जांच होती है। ऑल इंडिया परमिट केंद्र सरकार देती है, जिस पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।

सदन की प्रमुख बहस और पारित विधेयक

मक्का खरीदी पर हंगामा: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जब मक्का की MSP पर खरीदी को लेकर सवाल पूछा, तो कृषि मंत्री एंदल सिंह कसाना ने जवाब दिया- ‘वेट एंड वॉच।’ इस पर सदन में भारी हंगामा हुआ और कांग्रेसी विधायक वेल में आ गए।

अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान: सदन में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठने पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री से समीक्षा बैठक के बाद SIR ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) पूरा होने पर पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।



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