मंदसौर के जॉइंट कलेक्टर राहुल चौहान के खिलाफ इंदौर में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश के बाद फैमिली कोर्ट में सुनवाई होना थी, लेकिन चौहान फिर कोर्ट के समक्ष पेश ही नहीं हुए। उनकी ओर
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पिछली सुनवाई में पत्नी निर्मला तो पेश हुई थी लेकिन जॉइंट कलेक्टर पेश नहीं हुए थे। इसके चलते कोर्ट ने 8 दिसंबर की तारीख तय की थी। इसके साथ ही हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में दोनों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। इस दौरान पत्नी ने पति द्वारा लगाए गए आरोपों को झुठलाया है।
‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए निर्मला ने कहा कि पति कहते हैं, वे मुझे भरण पोषण के लिए 15 हजार रुपए प्रति माह देते हैं। यह बिल्कुल झूठ है। अगर ऐसा होता तो मैं फैमिली कोर्ट क्यों आती। हाई कोर्ट के आदेश पर भरण पोषण का केस रिस्टोर हुआ है, इसलिए अब फैमिली कोर्ट में केस चलेगा। मुझे न्याय की उम्मीद है लेकिन वे आज क्यों नहीं आए। इसका मतलब कि वे झूठ बोल रहे हैं।
निर्मला चौहान ने मांग की है कि पति के खिलाफ हुई एफआईआर के आधार पर उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सके। उन पर शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग करने और बिना तलाक दिए दूसरी शादी की तैयारी करने जैसे गंभीर कदाचारों के लिए विभागीय जांच शुरू की जाएं।
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मंदसौर जॉइंट कलेक्टर पर दहेज प्रताड़ना की FIR
मंदसौर के ज्वाइंट कलेक्टर राहुल चौहान के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।
इंदौर पुलिस ने मंदसौर के जॉइंट कलेक्टर राहुल चौहान के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की FIR दर्ज की है। पत्नी का आरोप है कि शादी के बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा लेकिन अधिकारी होने के दबाव-प्रभाव के कारण रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
अब महिला थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। बयान भी लिए हैं, लेकिन, सामान्य धाराओं में ही केस दर्ज कर लिया। इसमें भी पति के नाम के साथ कहीं भी उनकी पोस्ट जॉइंट कलेक्टर का जिक्र नहीं है। पत्नी ने योजनाबद्ध तरीके से अबॉर्शन के भी आरोप पति पर लगाए हैं। पूरी खबर पढ़ें…