हाईवे पर पड़ा मृतक शावक KGP-4 का शव और पास ही खड़ी फॉरेस्ट विभाग की गाड़ी
ग्वालियर से लगभग 35 किलोमीटर दूर घाटीगांव थाना क्षेत्र के सिमरिया मोड़ पर रविवार सुबह करीब 6:15 बजे कूनो नेशनल पार्क से भागे एक चीता शावक की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब दो शावक सड़क पार कर रहे थे। तभी एक अज्ञात आयशर वाहन ने नर शा
.
हादसे के वक्त कूनो वन विभाग की टीम शावकों की गर्दन में लगे सैटेलाइट कॉलर आईडी डिवाइस के आधार पर उनसे 300 मीटर की दूरी पर पीछा कर रही थी। दुर्घटना के बाद टीम तत्काल मौके पर पहुंची और शावक के शव को निगरानी में लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी थी। सूचना मिलने पर शिवपुरी से सीसीएफ (कूनो नेशनल पार्क प्रभारी) आदर्श श्रीवास्तव, डीएफओ ग्वालियर अंकित पांडे, डीएफओ कूनो थिरुकुराल, एसडीओपी मनोज जाटव, रेंजर सुखदेव शर्मा, रेंजर दीपांश शर्मा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे।
जंगल में गाड़ी में रखे शावक के शव को चेक करते फॉरेस्ट अधिकारी।
मृत शावक के शव को हाईवे से उठाकर जंगल में रखा गया, जहां वह करीब 10 घंटे तक रहा। इस दौरान मृत शावक का भाई KGP-3 भी आसपास घूमता रहा। वन विभाग की टीम ने KGP-3 को पकड़ने के लिए जंगल में एक बकरा भी बांधा, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी वे उसे पकड़ने में असफल रहे हैं।
मृत नर शावक KGP-4 की उम्र लगभग 20 महीने थी और उसका जन्म कूनो नेशनल पार्क में ही हुआ था। दोनों चीता शावक मादा गामिनी के बच्चे हैं। वहीं, शावक को टक्कर मारने वाला वाहन चालक 24 घंटे बाद भी फरार है।
मृतक और जिन्दा शावक 20 दिन पहले कूनो नेशनल पार्क से भागे थे, कूनो से भगाने के बाद दोनों शावक राजस्थान से होते हुए जौरा रेंज जंगल के रास्ते ग्वालियर जिले में पहुंचे थे और पिछले 15 से 20 दिनों से ग्रामीणों को घाटीगांव और मोहना के आसपास के इलाकों में लगातार दिखाई दे रहे थे। फॉरेस्ट विभाग में पदस्थ पशु चिकित्सक डॉक्टर मनीष त्रिपाठी के पहुंचने के बाद बंद वाहन में छुपाकर रखे गए शावक के शव का परीक्षण किया था और उसके बाद उसका पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार कराने के लिए कूनो नेशनल पार्क चोरी छुपे भिजवा दिया गया था।

जंगल में छुपे मृतक शावक के भाई को पकड़ने के लिए बकरा लेकर खड़ा फॉरेस्ट विभाग कर्मचारी
इस दर्दनाक हादसे के बारे में जब दैनिक भास्कर की टीम ने मौकेपर पहुंचकर आसपास के होटल,पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों से घटना के संबंध में बातचीत करना चाही तो वह कुछ भी कहने से डर रहे थे। उनका कहना था कि अगर वह इस घटना के बारे में कुछ भी बोलते हैं तो फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी उन्हें पकड़ लेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
हालांकि की घटना के कुछ घंटे बाद ही फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने शावक को टक्कर मारने के संदेह में कोटा के पास एक टोल प्लाजा पर एक गाड़ी को भी रोका था लेकिन उसकी जांच पड़ताल में फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों को ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला था जिससे यह साबित हो सके कि शावक को टक्कर मारने वाली गाड़ी वही है। जरूरी पूछताछ के बाद उस गाड़ी और उसमें सवार लोगों को छोड़ दिया था। लेकिन घटना के 24 घंटे बीत चुके हैं इसके बाद भी शावक को टक्कर मारकर मारने वाले वाहन ना ही उसके चालक को फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी व कर्मचारी नहीं ढूंढ पाए हैं।