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Sidhi New Year Visit Best Places: न्यू ईयर को यादगार बनाने के लिए परिवार संग घूमने का प्लान बना रहे हैं तो सीधी के नजदीक आपको 9 बेहतरीन जगहें मिल जाएंगी. यहां न्यू ईयर सेलिब्रेशन यादगार होगा. सीधी में प्रकृतीक, टाइगर रिजर्व, प्रचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थाल हैं. तस्वीर देख कर करें डिसाइड…
सीधी जिले में घूमने के लिए कई शानदार जगहें हैं, जिनमें मुख्य रूप से संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व (बाघ सफारी और वन्यजीवों के लिए), ऐतिहासिक चंद्रेह शिव मंदिर, सोन नदी के किनारे परसिली रिसॉर्ट और सोन घड़ियाल अभ्यारण शामिल हैं. साथ ही, बगदरा वन्यजीव अभयारण्य, पन्ना पहाड़ी झरना और बीरबल के जन्म स्थान घोंघरा भी दर्शनीय है. यहां प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व का मिश्रण है.

सीधी से 45 किलोमीटर दूर संजय-डुबरी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व सीधी-शहडोल जिले में स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है. यहां घने जंगल, नदियां और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरण, बारहसिंगा और कई दुर्लभ पक्षी देखे जा सकते हैं. सफारी के दौरान प्रकृति और वन्यजीवों का रोमांचक अनुभव मिलता है, जो घूमने को खास बनाता है.

सीधी में स्थित चंद्रेह शैव मंदिर और मठ ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व का प्रमुख स्थल है. माना जाता है कि यह प्राचीन शिव मंदिर गुप्तकाल के दौरान निर्मित हुआ था. मंदिर की वास्तुकला और पत्थरों पर की गई अद्भुत नक्काशी पर्यटकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करती है. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं.
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सीधी जिले में परसिली रिसॉर्ट सोन नदी के तट पर स्थित एक सुंदर पर्यटन स्थल है. यहां हरियाली, शांत वातावरण और प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. जंगल सफारी, बोटिंग और नदी किनारे घूमने का आनंद यहां खास अनुभव देता है. ठहरने के लिए रिवर व्यू, कमरे और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे यह परिवार, कपल और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह है.

सोन घड़ियाल अभ्यारण सोन नदी के किनारे फैला एक महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र है. यह दुर्लभ घड़ियालों और मगरमच्छों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. यहां विभिन्न जल पक्षी और जलीय जीव भी पाए जाते हैं. प्रकृति और वन्यजीवों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यह खास आकर्षण का केंद्र है.

बगदरा वन्यजीव अभयारण्य सीधी जिले में स्थित एक समृद्ध वन क्षेत्र है. यह अभयारण्य काले हिरणों (ब्लैक बक) के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा यहां हिरण, नीलगाय, लोमड़ी और कई प्रजातियों के पक्षी भी पाए जाते हैं. घना जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनाता है.

मोहनिया टनल न्यू ईयर मनाने के लिए एक शानदार घूमने लायक स्थान माना जाता है. हरियाली से घिरी सुरंग, पहाड़ों के बीच घूमता घुमावदार रास्ता और शांत वातावरण इसे खास बनाते हैं. यहां से सूर्यास्त का नज़ारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. नए साल पर यहां काफी भीड़ रहती है, इसलिए समय से पहुंचना अच्छा होता है. रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य पसंद करने वालों के लिए यह बेहतरीन जगह है.

सीधी से 25 किलोमीटर दूर स्थित घोघरा गांव में अकबर के नौ रत्नों में से एक बीरबल का जन्म स्थान है. यहीं पर माता चंद्रिका देवी मंदिर भी है, जहां बीरबल को सिद्धि प्राप्त हुई थी. इसके बाद वे अकबर के नौ रत्नों में शामिल किए गए. बाल्यकाल से ही बीरबल माता चंद्रिका के भक्त थे. बीरबल पहाड़ के नीचे बह रही रेही और सोन नदी के जल से सूर्योदय से पहले ही माता चंद्रिका को जल चढ़ाते थे. उनके इस सेवा से खुश होकर माता ने उन्हें आशीर्वाद दिया था, जिसके बाद उनको सिद्ध और प्रसिद्धि मिली थी.

शिकारगंज, जिसे सोन-बनास संगम के नाम से भी जाना जाता है, सीधी जिले का एक प्रमुख धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यहां सोन और बनास नदियों का मिलन अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है. आसपास का शांत वातावरण, हरियाली और नदी किनारे का नजारा पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. यह स्थान पिकनिक, पूजा-अर्चना और प्रकृति दर्शन के लिए खास माना जाता है और हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.