India vs South Africa Series: भारत-साउथ अफ्रीका टी20 सीरीज टीम इंडिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारियों के आखिरी दौर की शुरुआत होगी. टीम इंडिया के पास टूर्नामेंट से पहले ठीक 10 मैच बचे हैं. उसे 7 फरवरी को मुंबई में अमेरिका के खिलाफ मैच से टी20 वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत करनी है. सूर्यकुमार यादव एंड कंपनी साउथ अफ्रीका के खिलाफ 9 दिसंबर से शुरू होने वाली पांच मैचों की सीरीज के बाद 11 जनवरी से न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर ही 5 टी20 मैच खेलेगी. इससे उसके पास अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने का मौका मिलेगा.
टी20 वर्ल्ड कप काउंटडाउन शुरू
ये 10 टी20 फरवरी-मार्च में होने वाले बड़े इवेंट का काउंटडाउन होंगे और भले ही गौतम गंभीर की कोचिंग वाली टीम ने लगभग सभी बेस कवर कर लिए हैं, फिर भी दो जगहें अभी भी खाली हैं. संजू सैमसन और जितेश शर्मा विकेटकीपर की जगह के लिए मुकाबला कर रहे हैं, जबकि एक और स्लॉट सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर के लिए होगा. अगर इन दो मामलों को नहीं सुलाझाया गया तो टूर्नामेंट में टीम के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.
साउथ अफ्रीका सीरीज से क्या मिलेगा?
2024 में बारबाडोस में अपनी जीत के बाद से टीम इंडिया ने 32 मैच खेले हैं, जिनमें से 24 जीते हैं. भारत को सिर्फ 4 मैचों में हार मिली है. टीम इंडिया ने अपने लगभग 82 प्रतिशत मैच जीते हैं. अभिषेक शर्मा पावरप्ले में एक मजबूत अटैकिंग ऑप्शन दे रहे हैं और मिडिल-ऑर्डर में भी कुछ अच्छे हिटर हैं, इसलिए बैटिंग में बहुत ज्यादा बेंच स्ट्रेंथ के साथ भारत के पास टी20 में बहुत ज्यादा ऑप्शन हैं. जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव के पेस और स्पिन की कमी को पूरा करने के साथ भारत बहुत मजबूत दिख रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत-साउथ अफ्रीका सीरीज से क्या मिलेगा? इसका जवाब है- रोल क्लैरिटी. टीम इंडिया में कुछ खिलाड़ियों का रोल अभी भी तय नहीं हैं और अगर इसी तरह प्रयोग चलते रहें तो टी20 वर्ल्ड कप में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
शुभमन गिल के आने से बैलेंस बिगड़ा?
जब तक शुभमन गिल रेड-बॉल क्रिकेट में व्यस्त थे, भारत की T20 टीम सेट लग रही थी. इसके बाद गिल न सिर्फ ओपनर के तौर पर, बल्कि उपकप्तान के तौर पर भी टीम में वापस आ गए. इससे उन्हें ड्रॉप होने से बचाया जा सका. उनके शामिल होने ने टीम मैनेजमेंट को संजू सैमसन को ओपनिंग स्लॉट से हटाने पर मजबूर कर दिया है. सैमसन के पास अब सिर्फ मिडिल ऑर्डर या फ़िनिशर के तौर पर जगह है. सैमसन दोनों में ही संतुलन नहीं बना पा रहे.
सैमसन को चुकानी पड़ रही कीमत
अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन ने कई मैचों में सॉलिड और जबरदस्त शुरुआत दी. भारत में होने वाले मैचों और T20 वर्ल्ड कप में फ्लैट पिचों पर यह ओपनिंग जोड़ी हिट होती. लेकिन अब गिल के रूप में भारत के पास एक ऐसा बैटर है जो तेज शुरुआत नहीं देता. इसके बजाय वह मैच फिनिश करने के लिए डीप बैटिंग कर सकते हैं और उनके खेलने के पक्के होने के साथ सैमसन को नई जगह को अपना पड़ रहा है. हालांकि, गिल के उलट सैमसन में रोल क्लैरिटी की कमी है. एशिया कप में गिल की वापसी के बाद से सैमसन ने 3, 5 नंबर पर बैटिंग की है और उन्हें 8 नंबर पर भी खिलाया गया.ऑस्ट्रेलिया में उन्हें सिर्फ एक इनिंग के बाद जितेश शर्मा के लिए ड्रॉप कर दिया गया था. सैमसन शायद इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं. यह कॉम्बिनेशन ही है जिसने अक्सर हालात तय किए हैं. गंभीर और सूर्यकुमार ने सबके सामने कहा है कि ओपनर्स के अलावा किसी का भी बल्लेबाजी क्रम तय नहीं है. उन्हें फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए, जो शायद सैमसन न दे पाएं.
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जितेश शर्मा या संजू सैमसन?
साउथ अफ्रीका सीरीज में विकेटकीपर की जगह के लिए संजू सैमसन और जितेश शर्मा के बीच टक्कर होगा. अगर जितेश पहले तीन गेम खेल लेते हैं और अगर वह फिनिशर के तौर पर चमकते हैं, तो वह टी20 वर्ल्ड कप में इंडिया के कीपर हो सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया में जितेश को मिली तीन पारियों में उन्होंने 2 बॉल पर 0, 13 बॉल पर 22 और 4 बॉल पर 3 रन बनाए. नंबर 7 पर उन्होंने 13 गेंद पर 22 रन आए थे. अब अगर जितेश कम से कम दो मैचों में अच्छे से मैच फिनिश करते रहे तो सैमसन को बेंच पर बैठना होगा.
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सैमसन को उठाना होगा मौके का फायदा
संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन में वापसी करने और टी20 वर्ल्ड कप के लिए अपनी जगह पक्की करने के लिए उन्हें मिलने वाले सभी मौकों का फायदा उठाना होगा. अपने नए रोल में सैमसन ने पांच बार बैटिंग की है, उनका औसत 26.80 रहा है. उनका स्ट्राइक रेट गिरकर 121.81 हो गया है. अगर सैमसन को सीरीज में खेलने का मौका मिलता है, तो उनका काम फिनिशर के तौर पर खेलना होगा. हालांकि, उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उस रोल के लिए तैयारी नहीं की थी. उन्होंने केरल के लिए सभी मैचों में ओपनिंग की. इस दौरान उनका औसत 58.25 और स्ट्राइक रेट 137.86 रहा है. सैमसन ने चार 40+ स्कोर और दो हाफ-सेंचुरी भी लगाईं.
शिवम दुबे या वॉशिंगटन सुंदर?
हार्दिक पांड्या की वापसी से भारत का बैलेंस वापस आ गया है. हार्दिक दूसरे पेसर के तौर पर खेल सकते हैं और नंबर 6 या नंबर 7 पर कुछ तेजी से रन भी बना सकते हैं. उस सेट-अप में पिच का चुनाव तय करेगा कि दूसरा ऑलराउंडर कौन होगा, क्योंकि अक्षर पटेल पहले ही अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं. अगर पिच धीमी है तो शिवम दुबे यह काम कर सकते हैं. ज्यादा स्कोर वाली पिचों पर किसी स्पेशलिस्ट बॉलर को रखना बेहतर होगा. हालांकि, गंभीर ऑलराउंडर को लेकर ज्यादा जुनूनी हैं, तो यह मुश्किल होगा. वॉशिंगटन सुंदर टी20 में पार्ट-टाइम बॉलर रहे हैं. इसलिए भारत ज्यादा स्कोर वाली पिच पर उनके साथ नहीं जा सकता है. इसके बजाय अर्शदीप सिंह या हर्षित राणा को शामिल किया जा सकता है.