खरगोन में शीतलहर ने बढ़ाई ठिठुरन, 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, जानें कैसे खुद को बचाएं, क्या खाएं, कैसे रहें?

खरगोन में शीतलहर ने बढ़ाई ठिठुरन, 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, जानें कैसे खुद को बचाएं, क्या खाएं, कैसे रहें?


Khargone News: खरगोन सहित पूरे निमाड़ अंचल में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. हिमाचल और उत्तराखंड से आ रही बर्फीली हवाओं ने मौसम को इतना सर्द कर दिया कि पिछले पांच साल का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड भी टूट गया. दिन और रात दोनों के तापमान में अचानक आई गिरावट से लोग ठिठुरने को मजबूर हैं, जबकि अस्पतालों में सर्दी से प्रभावित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है.

पिछले चार-पांच दिनों में खरगोन का रात का तापमान करीब 3 डिग्री तक गिरकर 10 से 11 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. वहीं दिन का तापमान भी लगभग ढाई डिग्री लुढ़ककर औसतन 27 से 28 डिग्री के आसपास बना हुआ है. उधर, तेज शीतलहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है. जिला शिक्षा अधिकारी एसके कानुड़े ने बताया कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों में नर्सरी से लेकर 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए प्रातःकालीन पारी का समय बदल दिया गया है. अब बच्चे सुबह 8:30 बजे के बाद ही स्कूल पहुंचेंगे. यह आदेश 30 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा. वहीं, परीक्षाएं पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी.

शीतलहर के लक्षण क्या है? 
मौसम विभाग के अनुसार, शीतलहर का यह असर दिसंबर और जनवरी तक जारी रहेगा. ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए विशेष सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है. डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव बताते हैं कि शीतलहर का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिलता है. इसके अलावा दिव्यांगजन, खुले में काम करने वाले मजदूर, बेघर लोग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति भी तेजी से प्रभावित होते हैं. ठंड बढ़ने पर नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू, खून आना, हाथ-पैर सुन्न पड़ना, बॉडी शेकिंग, मांसपेशियों में अकड़न, सांस लेने में कठिनाई और हाईपोथर्मिया जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं.

शीतलहर से कैसे बचें?
डॉ. श्रीवास्तव बताते हैं कि किसी भी तरह के ऐसे लक्षण दिखते ही तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़ों को एक से अधिक परत में पहनने, गर्म कपड़ों, टोपी, मफलर, मोजे और कंबल के उपयोग की सलाह दी गई है. अनावश्यक यात्रा करने से बचें और फर्स्ट एड सामग्री अपने पास रखें. इसके साथ ही हीटर, अंगीठी या कोयले का उपयोग बंद कमरों में बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड से दम घुटने का खतरा रहता है.

शीतलहर के दौरान क्या खाएं?
ठंड के मौसम में खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है. गर्म तरल पदार्थ जैसे सूप, काढ़ा, चाय का सेवन करें. विटामिन-C युक्त फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला और सब्जियों का पर्याप्त सेवन करें ताकि प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे. शराब के सेवन से बचें, क्योंकि यह शरीर का तापमान तेजी से गिरा देती है.



Source link