रायसेन जिले के रातापानी टाइगर रिजर्व में चार दिनों के भीतर दूसरे बाघ की मौत हो गई है। मंगलवार-बुधवार की रात औबेदुल्लागंज क्षेत्र में एक बाघ ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना बरखेड़ा रेंज के बरखेड़ा-मिसघाट रेलवे लाइन के
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इससे पहले रविवार को रातापानी टाइगर रिजर्व के बिनेका घोड़ा पछाड़ क्षेत्र में एक अन्य बाघ को वन विहार की टीम ने रेस्क्यू किया था। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि बाघ एक घंटे से एक ही स्थान पर बैठा था और उठ नहीं पा रहा था। उपचार के लिए भोपाल ले जाते समय रास्ते में ही अत्यधिक कमजोरी के कारण उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम करने वाली टीम के डॉक्टरों के अनुसार, मृत बाघ के दोनों केनाइन दांत टूटे हुए थे, जिसके कारण वह शिकार करने में असमर्थ था। औबेदुल्लागंज के डीएफओ हेमंत रैकवार ने बताया कि बाघ बूढ़ा होने के कारण काफी कमजोर हो गया था।
दूसरे बाघ की मौत की जानकारी मिलते ही सीसीएफ अशोक कुमार और डीएफओ हेमंत रैकवार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। रेलवे कंपार्टमेंट नंबर 78027/29 से टकराकर बाघ की मौत हुई थी।