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biggest match winner hardik 2022 के बाद, बतौर खिलाड़ी हार्दिक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. चोटों की चुनौतियों के बावजूद, हार्दिक भारत के टी20 क्रिकेट के सबसे अहम खिलाड़ी बन चुके हैं. कट्टक में उनका प्रदर्शन एक बार फिर इस बात का प्रमाण है कि टी20 विश्व कप से पहले टीम को उन्हें सावधानी से मैनेज करना होगा, ताकि चोट की कोई नई समस्या न हो
नई दिल्ली. ब्रेक को बल में बदलना हार्दिक पंड्या की आदत में शुमार है. फरवरी 2022 की शुरुआत की बात है जब सुबह 5:30 बजे तक हार्दिक पांड्या दिन की शुरुआत कर चुके थे. वे ट्रेनिंग के लिए तैयार थे ऐसी कठोर रुटीन का हिस्सा जिसे वे आईपीएल की तैयारी के लिए अपनाए हुए थे. हार्दिक ने खुद स्वीकार किया था कि 2021 टी20 विश्व कप के बाद उन्हें खुद को रीसेट करने के लिए ब्रेक की ज़रूरत थी. उस टूर्नामेंट में उनका न गेंदबाजी करना बड़ा विवाद बना और भारत के ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने के लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया गया. पर हार्दिक तब भी जानते थे क्या करना है और आज भी वो जानते है कि रास्ता क्या है.
जब हार्दिक को खुद को साबित करना था, अपनी छवि सुधारनी थी और आईपीएल को अपने वापसी का मंच बनाना था. नई टीम गुजरात टाइटंस के कप्तान के रूप में उनके पास अपनी बात रखने का सुनहरा मौका था यह दिखाने का कि वे भारत के नंबर-1 सफेद गेंद ऑलराउंडर हैं और राष्ट्रीय टीम में फिनिशर की भूमिका फिर से पाने के हकदार हैं. उन्होंने यह काम आईपीएल 2022 में बखूबी किया. टीम को फाइनल तक पहुंचाना, कई अहम पारियां खेलना और 140 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी हर क्षेत्र में वे चमके. हार्दिक उस सीजन के सबसे बड़े सितारे थे.
22 के बाद के हार्दिक हैं असली हीरो
2022 के बाद, बतौर खिलाड़ी हार्दिक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. चोटों की चुनौतियों के बावजूद, हार्दिक भारत के टी20 क्रिकेट के सबसे अहम खिलाड़ी बन चुके हैं. कट्टक में उनका प्रदर्शन एक बार फिर इस बात का प्रमाण है कि टी20 विश्व कप से पहले टीम को उन्हें सावधानी से मैनेज करना होगा, ताकि चोट की कोई नई समस्या न हो.विवादों से घिरे रहने के बावजूद हार्दिक जानते हैं कि आलोचकों का मुंह बंद करने का एकमात्र तरीका प्रदर्शन है. 2024 टी20 विश्व कप में उनका प्रदर्शन शानदार रहा और कट्टक में तो उन्होंने लगभग अकेले दम पर मैच जिता दिया.
गलतियों से सीखते गए पंड्या
हर इंसान की तरह हार्दिक से भी अतीत में गलतियाँ हुई हैं. 27–28 साल की उम्र में अचानक मिली लोकप्रियता को संभालना आसान नहीं होता. पैसा, ग्लैमर और शोहरत यह सब एक साथ मिल जाए तो संभलना मुश्किल है, और कई लोग इसके लिए तैयार नहीं होते. हार्दिक भी इसका उदाहरण हैं अचानक उनके पास सब कुछ आ गया.पिछले कुछ वर्षों में वे मल्टी-मिलियनेयर बन गए और लाखों लोग उन्हें रोल मॉडल की तरह देखते हैं एक सच्ची ‘रैग्स-टू-रिचेस’ कहानी. लोग उनके ऑटोग्राफ चाहते हैं, उनके साथ फोटो लेना चाहते हैं, और उसी सामाजिक दायरे में होना चाहते हैं.
सबसे चर्चित चैंपियन है ऑलराउंडर
वे भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं एक अरब में एक यह दुनिया बेहद आकर्षक है, लेकिन इसके नुकसान भी हैं. कई बार इस चमक-दमक में जिम्मेदारियाँ पीछे छूट जाती हैं और लगता है कि कुछ भी कर लो, बच जाओगे.
लेकिन आज का हार्दिक पहले से कहीं अधिक परिपक्व है. अब न तो वह पहले वाली आवेगशीलता है, न युवावस्था की उतावली. अब उनमें एक ठहराव है यानी न टीवी शो में विवादित बयान, न प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखे कमेंट.उन्हें पता है कि उनका लक्ष्य क्या है और वे क्या हासिल करना चाहते हैं. टी20 विश्व कप में भारत को इसी हार्दिक की जरूरत है.