मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभाग अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि जनगणना 2027 के दृष्टिगत प्रशासनिक इकाइयों में जो भी परिवर्तन किये जाने हैं वे 31 दिसंबर 2025 तक कर लिए जाएं। इसके बाद सभी प्रशासनिक इकाइयों को फ्रीज किया जाएगा और जनगणना होने तक इनमें
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मुख्य सचिव ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे जनगणना के सेकेंड फेस को ध्यान में रखकर वर्ष 2026-27 का शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करें। परीक्षाओं की समय-सारणी इस तरह तैयार की जाए ताकि विद्यार्थियों को कोई असुविधा नहीं हो।
मुख्य सचिव जैन ने यह निर्देश मंत्रालय में भारत की जनगणना 2027 के दृष्टिगत राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की बैठक में दिए। जनगणना के प्रथम चरण में मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का कार्य 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2026 के दौरान 30 दिन में किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि स्कूली बच्चों की पढ़ाई, मानसून इत्यादि को ध्यान में रखते हुए इस 30 दिन की अवधि निर्धारित की जायें।
बैठक में बताया गया कि जनगणना के द्वितीय चरण में जनसंख्या की गणना का कार्य पूरे देश में एक साथ फ़रवरी 2027 में किया जायेगा। मुख्य सचिव जैन ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया कि वे जनगणना के द्वितीय चरण को ध्यान में रखकर वर्ष 2026-27 का शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करें।
उन्होंने परीक्षाओं की समय-सारणी इस तरह तैयार करने के निर्देश दिये है जिससे विद्यार्थियों को कोई असुविधा नहीं हो। साथ ही संबंधित विभागों को यह भी निर्देश दिए गए कि वे आपस में समन्वय करते हुए जनगणना 2027 के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए योजना तैयार करें जिससे जनगणना का कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
सेल्फ एनुमरेशन कर सकेंगे लोग मुख्य सचिव जैन ने आगामी जनगणना डिजिटल होने के मद्देनजर संबंधितों को उचित समय पर युक्तियुक्त प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जैन ने जनगणना के दौरान स्व-गणना (Self-Enumeration) किए जाने के प्रावधान की सराहना की।
उन्होंने सभी सम्बंधित विभागों को यह भी निर्देश दिये कि वे जनगणना 2027 के कार्य के समन्वय के लिए अपने अपने विभागों में एक नोडल अधिकारी नामित करें। जनसंपर्क विभाग को जन सामान्य में जनगणना के प्रति जागरुकता लाने एवं भ्रांतियों को दूर करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये गये ।
मोबाइल एप से होगी माॅनिटरिंग मुख्य सचिव जैन ने स्पष्ट रूप से कहा कि आम जन को यह बताया जाना आवश्यक होगा कि जनगणना 2027 पहली बार देश में डिजिटल होगी, जिसमें मोबाइल एप के माध्यम से आंकड़ों का संकलन एवं वेब पोर्टल के माध्यम से मैनेजमेंट एवं मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात का प्रचार होना चाहिए कि जनगणना अधिनियम की धारा 15 के तहत जनगणना में संकलित व्यक्तिगत जानकारियां गोपनीय होती हैम। साथ ही इन्हें कहीं पर भी साक्ष्य के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता।
राज्य-स्तरीय जनगणना समन्वय समिति (SLCCC) की इस पहली बैठक में अपर मुख्य सचिव, गृह, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन, अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास, सचिव, गृह एवं राज्य नोडल अधिकारी (जनगणना), निदेशक, जनगणना कार्य निदेशालय मध्यप्रदेश,राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी, एन.आई.सी. और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गृह विभाग करेगा नोडल के रूप में काम अपर मुख्य सचिव, गृह शिव शेखर शुक्ल ने बताया कि मध्यप्रदेश में गृह विभाग जनगणना के लिए नोडल विभाग है जो भारत सरकार, जनगणना निदेशालय एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए जनगणना सम्पादन में अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा ।
प्रारंभ में निदेशक, जनगणना कार्य निदेशालय द्वारा पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनगणना 2027 की रूपरेखा, प्रारम्भिक तैयारियां, डिजिटल रोडमैप और संगठनात्मक ढांचा इत्यादि के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। उन्होंने यह बताया कि इस बार की जनगणना में स्व-गणना (Self-Enumeration)का प्रावधान भी किया जायेगा जिससे कि आम नागरिक अपनी जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेंगे।
पौने दो लाख सुपरवाइजर और प्रगणक होंगे तैनात
निदेशक, जनगणना द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय महत्त्व के इस वृहद कार्य में लगभग 1 लाख 75 हजार प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक अमले की भी आवश्यकता होगी। निदेशक जनगणना द्वारा अवगत कराया गया कि जनगणना के प्रथम चरण के पूर्व परीक्षण का कार्य प्रदेश में जिला रतलाम की रतलाम तहसील, जिला सिवनी की कुरई तहसील के कुछ चयनित ग्रामों में तथा ग्वालियर जिले के नगर निगम ग्वालियर के चयनित वार्डों में नवम्बर 2025 में कराया गया।