भोपाल. मध्य प्रदेश के तीन सबसे बड़े और रणनीतिक शहरों भोपाल, इंदौर और उज्जैन के लिए नया मास्टर प्लान जल्द सामने आने वाला है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने News18 को दिए खास इंटरव्यू में कहा है कि इन शहरों के विकास की दिशा अब योजनाबद्ध और दीर्घकालिक होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ 2028 सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री के मुताबिक मास्टर प्लान केवल शहरी विस्तार का दस्तावेज नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर की गई तैयार है.
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस प्रक्रिया में जनहित-किसानों का हित सर्वोपरि रहेगा और किसी भी वर्ग को अनावश्यक नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. भोपाल और इंदौर में बढ़ती आबादी, ट्रैफिक दबाव और अव्यवस्थित विस्तार लंबे समय से चुनौती बने हुए हैं. वहीं उज्जैन में सिंहस्थ जैसे वैश्विक आयोजन के कारण स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत और भी अहम हो जाती है.
सिंहस्थ 2028 को लेकर रणनीति, किसानों के हित सरकार की प्राथमिकता
उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ 2028 मुख्यमंत्री की प्राथमिक सूची में सबसे ऊपर है. सरकार नहीं चाहती कि यह आयोजन अस्थायी इंतजामों तक सीमित रहे. मुख्यमंत्री के अनुसार सिंहस्थ की तैयारियों के तहत स्थायी सड़कें, पार्किंग, जल आपूर्ति, सीवरेज और आवासीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ किया कि विकास के नाम पर किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होगी. मास्टर प्लान और लैंड से जुड़े किसी भी फैसले में किसानों को साथ लेकर चला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट है कि किसी को कष्ट न हो और विकास भी बाधित न हो.
भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन को भी इसी मॉडल से जोड़ा जाएगा. इससे शहरी सीमा के बाहर के क्षेत्रों को भी विकास से जोड़ा जा सकेगा और शहरों पर दबाव कम होगा. सरकार का दावा है कि यह मॉडल रोजगार और निवेश को भी बढ़ावा देगा.
दीर्घकालिक विकास पर सरकार का जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान 20 से 25 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है. इसमें केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान नहीं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का रोडमैप भी होगा. सरकार विशेषज्ञों और स्थानीय निकायों से सुझाव लेकर इसे अंतिम रूप देगी.