खरगोन जिले के भीकनगांव क्षेत्र में किसानों का आक्रोश अब सड़कों पर उतरने जा रहा है। अधूरी बिंजलवाड़ा सिंचाई परियोजना, खराब सोयाबीन फसल का मुआवजा और कपास की ऑफलाइन खरीदी की मांग को लेकर किसान 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे। इस आंदोलन का
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कृषि उपज मंडी परिसर में झिरन्या और भीकनगांव क्षेत्र के किसान संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में बिंजलवाड़ा सिंचाई परियोजना के वर्षों बाद भी पूरी नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताई गई। किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक खेतों तक पानी नहीं पहुंचेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी नितेश सिंह मौर्य ने बताया कि आंदोलन की तीन अहम मांगें हैं। पहली मांग है कि बिंजलवाड़ा सिंचाई परियोजना से भीकनगांव और झिरन्या क्षेत्र के खेतों तक तुरंत पानी पहुंचाया जाए। दूसरी मांग के तहत खराब हुई सोयाबीन फसल का बिना किसी शर्त मुआवजा और बीमा राशि का जल्द भुगतान किया जाए। वहीं तीसरी मांग भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा कपास की खरीदी ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन माध्यम से शुरू करने की है, ताकि किसानों को परेशानी न हो।
किसान नेताओं ने बताया कि आंदोलन के दौरान किसानों की भोजन व्यवस्था भी पूरी तरह किसान ही संभालेंगे। प्रांत युवावाहिनी के संयोजक श्याम सिंह पवार, मुकेश पटेल और कडवा नादिया ने बताया कि क्षेत्र के 20 गांवों के किसान बारी-बारी से आंदोलन स्थल पर भोजन की व्यवस्था करेंगे।
किसानों का कहना है कि लंबे समय से वे अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। अब मजबूर होकर उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। 15 दिसंबर से शुरू होने वाला यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती।