छतरपुर के इस मंदिर में आकर चढ़ाइए नारियल, पान-बताशा, ठीक हो जाएंगे सर्पदंश के मरीज, यूपी से भी आते लोग

छतरपुर के इस मंदिर में आकर चढ़ाइए नारियल, पान-बताशा, ठीक हो जाएंगे सर्पदंश के मरीज, यूपी से भी आते लोग


Chhatarpur Bidehi Baba Mela. छतरपुर जिले में एक ऐसा भी मेला लगता है जो 100 साल से भी पुराना बताया जाता है. दरअसल, छतरपुर के गौरिहार तहसील के महाराजपुर गांव में एक ऐसा मंदिर है जहां सर्पदंश के मरीज ठीक हो जाते हैं और इसी स्थान पर मेला भी लगता है. मान्यता है कि यहां सर्पदंश के मरीज आकर ठीक हो जाते हैं. इसलिए इस मेले के प्रति लोगों की आस्था और भी बढ़ जाती है. यहां एमपी से ही नहीं बल्कि यूपी से भी लोग आते हैं.

मान्यता है कि इस मेले पर जो भी व्यक्ति पहुंचता है उसे सबसे पहले मंदिर पर नारियल पान बताशा चढ़ाना होता है. इसके बाद ही वह मेला घूमता है और सामान खरीदकर घर जाता है.

बिदेही बाबा मंदिर के पुजारी राजकुमार तिवारी लोकल 18 से बातचीत में कहते हैं कि यह स्थान राजाओं के जमाने का है. एक राजा ही यहां आए थे और एकांत इस जंगल में रहने लगे. कुछ समय पश्चात उन्होंने जिंदा समाधि ले ली. आज मंदिर भी इसी समाधि के ऊपर बना है. यहां जो भी सर्पदंश का मरीज आता है, ठीक होकर ही जाता है.आज भी उनका आशीर्वाद यहां आने वाले लोगों को मिलता है. बता दें, इस स्थान पर एक नाग देवता भी रहते हैं जिसकी पुजारी ही देखभाल करते हैं.

100 साल से भी पुराना है मेला 

बिदेही बाबा मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां 100 साल से मेला लग रहा है. ये मेला पुरखों से लगता आ रहा है. हर दिन इस मेले में हजारों-लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस स्थान की मान्यता है कि यहां की धरती पर जो भी पग रखता है उसे सबसे पहले बिदेही बाबा महाराज के यहां परिक्रमा लगाना होता है. इसके बाद नारियल पान बताशा चढ़ने की परंपरा है. फिर यहां मेला घूमने की मान्यता है. मेला देखने से ज्यादा लोग यहां बिदेही बाबा महाराज के दर्शन करने आते हैं. इस मेले सिर्फ एमपी से ही नहीं बल्कि यूपी से भी लोग आते हैं

सांप काटे तो ऐसे होता है उपचार 
पुजारी बताते हैं कि सबसे पहले बैदेही बाबा की जय बोलकर बालों में गांठ लगा ले, इसके बाद घी-कालीमिर्च पी लें लेकिन पानी नहीं पीना हैं. इसके तुरंत बाद बैदेही बाबा मंदिर आना हैं और बाबा की जय बोलकर परिक्रमा लगाना हैं. कितना भी जहरीले सांप ने काटा हो बाबा उसे बचा लेंगे.

यहां आने के बाद कोई भी सर्पदंश का व्यक्ति नहीं मरा 
पुजारी राजकुमार के मुताबिक यदि जिंदा हालत में यहां कोई सांप का मरीज आया है तो फिर यहां से जीवित ही गया है.

श्रद्धालु की जुबानी 

वहीं छतरपुर जिले से आए श्रद्धालु बताते हैं कि किसी को सांप काट ले तो वह व्यक्ति सबसे पहले विधि बाबा के स्थान पर ही आता है. इस स्थान की प्रसिद्धि इतनी है कि यहां पिछले 100 सालों से मेला लग रहा है. लोग यहां मेला आते हैं. यहां आकर बिदेही बाबा के दर्शन करते हैं.



Source link