जाम गेट पर बंदर के चक्कर में 500 फीट गहरी खाई में गिरा बीटेक छात्र, 5 घंटे बाद मिली बॉडी, दोस्त बचा

जाम गेट पर बंदर के चक्कर में 500 फीट गहरी खाई में गिरा बीटेक छात्र, 5 घंटे बाद मिली बॉडी, दोस्त बचा


Khargone News: सर्दियों में विंध्याचल पहाड़ों के बीच फैली धुंध और जाम गेट की खूबसूरती स्वर्ग से कम नहीं लगती. लेकिन, किसी ने नहीं सोचा था कि यह नजारा किसी की मौत का कारण बन जाएगा. जी हां, खरगोन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जाम गेट पर मंगलवार सुबह दो युवकों का पशु प्रेम उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गया. बंदरों को बिस्किट खिलाने के दौरान संतुलन बिगड़ा और देखते ही देखते दो दोस्त सैकड़ों फीट गहरी खाई में समा गए. एक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.

500 फीट गहरी खाई में गिरे 
घटना सुबह करीब 7 बजे की है. धार जिले के कुक्षी निवासी 26 वर्षीय सुजल कन्नौजे अपने दोस्तों विजय मुजाल्दा (25), मंसाराम सोलंकी (27) और लोकेश के साथ इंदौर से जाम गेट घूमने आए थे. यहां पहाड़ों के बीच अठखेलियां करते बंदरों को देखकर सुजल और उसका एक दोस्त खाई के पास पहुंच गए और उन्हें बिस्किट खिलाने लगे. इसी दौरान अचानक पैर फिसला और दोनों युवक लगभग 500 फीट नीचे गहरी खाई में जा गिरे.

एक लड़का झाड़ियों में अटक गया…
प्रत्यक्षदर्शी और जाम गेट सुरक्षा कर्मी जितेंद्र बारिया बताते हैं कि सब कुछ पलक झपकते हुआ. सुजल खाई के किनारे तक पहुंच गया था. अचानक उसका पैर फिसला और वह नीचे चला गया. उसका एक दोस्त भी साथ गिरा, लेकिन वह झाड़ियों में अटक गया और बच गया. इस दौरान दो अन्य दोस्त थोड़ी दूरी पर खड़े होकर मैगी खा रहे थे. हादसे के बाद चीख-पुकार सुनते ही मौके पर हड़कंप मच गया.

खाई से रेस्क्यू में लगे 5 घंटे
सूचना मिलते ही मंडलेश्वर पुलिस को खबर दी गई. करीब 10 बजे पुलिस ने सर्चिग शुरू की. घायल युवक को तुरंत उपचार के लिए इंदौर के महू अस्पताल भेजा गया. वहीं, खाई में गिरे सुजल को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं था. खाई बेहद गहरी और दुर्गम थी. पुलिस और ग्रामीणों की टीम ने करीब 5 घंटे तक जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू किया. लकड़ी, रस्सियों और कपड़ों की झोली बनाकर सुजल को ऊपर लाया गया. बताया जा रहा है जब टीम नीचे पहुंची तब सुजल की सांसे चल रही थी, लेकिन फिर कुछ पलों में ही धड़कनें रुक गईं.

इंदौर में पढ़ाई कर रहा था सुजल
जानकारी के मुताबिक, चारों युवक धार जिले के कुक्षी के रहने वाले हैं. इंदौर में पढ़ाई करते हैं. सुजल भी इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था. वह अपने परिवार का सबसे छोटा बेटा था. घर पर एक बड़ा भाई और एक बहन हैं. दोस्तों के साथ घूमने निकला युवक फिर कभी घर नहीं लौटेगा, यह किसी ने नहीं सोचा था. प्रधान आरक्षक संजय यादव के अनुसार, खाई की गहराई के कारण रेस्क्यू में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

पहले भी हो चुके हादसे
जाम गेट पर यह पहला हादसा नहीं है. इससे पहले भी यहां कई जिंदगियां असमय खत्म हो चुकी हैं. 6 नवंबर 2020 को इंदौर की नीतू बाहेती (35) की सेल्फी लेते समय खाई में गिरने से मौत हो गई थी. 5 जुलाई 2018 को तीन युवक कार समेत खाई में गिर गए थे. 20 अगस्त 2024 को एक कार पलटकर खाई में गिरी, जिसमें इंदौर की समृद्धि और यग्नेश की मौत हो गई थी, जबकि चार लोग घायल हुए थे. 8 नवंबर 2024 को 12वीं के छात्र राजू ओसारी ने भी जाम दरवाजे से खाई में छलांग लगा दी थी.

हादसों से पीछे का कारण क्या?
इन तमाम हादसों के पीछे सबसे बड़ी वजह जाम गेट पर कमजोर सुरक्षा व्यवस्था मानी जा रही है. एक ओर पहाड़ से पत्थर गिरने का खतरा है, तो दूसरी ओर सैकड़ों फीट गहरी खाई. कई जगह सड़क किनारे सुरक्षा रेलिंग तक नहीं है. वहीं, लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है. जहां रेलिंग लगी है लोग उसे कूदकर पार करके खाई के किनारे खड़े हो जाते हैं, सेल्फी लेते हैं या पत्थरों पर चढ़कर स्टंट करते हैं. ओर फिर एक छोटी सी चूक जिंदगी हमेशा के लिए खत्म कर देती है.

पर्यटकों को क्यों भाता है जाम गेट?
बता दें कि इस समय हरियाली और कोहरे की चादर ओढ़े जाम गेट की खूबसूरती देखते ही बनती है. सुबह के समय चारों ओर ढूंढ छा जाती है. बदलो का झरना बहने लगता है. सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा भी बेहद रोमांटिक लगता है. सालभर पर्यटक यहां घूमने आते है. जाम गेट के ऊपर चढ़कर निमाड़ और मालवा की खूबसूरती को निहारते है. वर्तमान में यह प्रदेश का एक बड़ा पिकनिक स्पॉट बन चुका है.



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