Winter Dog Care: सतना में बढ़ती ठंड ने न सिर्फ इंसानों को परेशान किया, बल्कि पालतू कुत्तों पर भी सीधा असर दिखाई देने लगा है. पशु चिकित्सक डॉ. बृहस्पति भारती ने बताया कि ठंड कुत्तों के लिए कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है. ऐसे माहौल में पैरालिसिस, डिस्टेंपर, पार्वो और हाइपोथर्मिया जैसी स्थितियां बढ़ जाती हैं. शहर में लोग डॉबरमैन, रॉटविलर और जर्मन शेफर्ड जैसे एक्जोटिक ब्रीड ज्यादा पालते हैं, जिन पर ठंड का प्रभाव और भी तेज पड़ता है. इसलिए सर्दियों में उनके खानपान, साफ-सफाई और रूटीन के प्रति ज़रा सी लापरवाही भी उन्हें बीमार कर सकती है.
ठंड में एक्जोटिक ब्रीड पर बढ़ता खतरा
डॉबरमैन, रॉटविलर और जर्मन शेफर्ड जैसी ब्रीड का काविंग पीरियड हर 6-6 महीने होता है और इसी समय इनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक रहती है. ठंड में खासकर पर्वो वायरस और डिस्टेंपर का खतरा तेजी से बढ़ता है. छोटे बालों वाले कुत्तों को ठंडी हवा और कम तापमान जल्दी प्रभावित कर देते हैं जिससे नसों और मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द और लंबे समय तक रहने पर पैरालिसिस का जोखिम भी बढ़ सकता है.
हाइपोथर्मिया और स्किन इंफेक्शन का बढ़ा जोखिम
सर्दियों में कुत्तों के शरीर का तापमान गिरना यानि हाइपोथर्मिया सबसे बड़ा खतरा बनता है. ठंडी टाइल्स, सुबह की नमी और ठंडी हवा उन्हें जल्दी बीमार करती है. ऐसे में डॉ. भारती सलाह देते हैं कि कुत्तों को फर्श की ठंडी टाइल्स पर अधिक न चलने दें. उनके सोने और चलने की जगह पर मोटे मैट या कंबल जरूर बिछाएं. उन्होंने चेताया कि ठंड में अधिक नहलाना कुत्तों के लिए नुकसानदायक है क्योंकि उनमें स्वेट ग्लैंड बहुत कम होती हैं. इससे स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में महीने में एक बार नहलाना ही पर्याप्त है हालांकि रोज़ाना ग्रूमिंग, कॉम्बिंग और कपड़े से बॉडी क्लीनिंग करना ज्यादा बेहतर माना जाता है.
ठंड में वॉकिंग का सही समय और सावधानियां
ठिठुरन भरी सुबहों में कुत्तों को टहलाने ले जाना उनकी सेहत पर उल्टा असर डाल सकता है. कई बार ठंड की हवा उनके गले और चेस्ट पर सीधे लगने से वे लगातार कफिंग और सांस संबंधी दिक्कतें झेलने लगते हैं. इसलिए सुबह जल्दी और देर रात टहलाने से बचें, और हल्की धूप या तापमान थोड़ा सामान्य होने पर ही बाहर ले जाएं. साथ ही कुत्तों को गर्म रखने के लिए मार्केट में उपलब्ध रेडीमेड डॉगी वॉर्म कपड़े या फिर घर की पुरानी गर्म शर्ट पहनाना भी बहुत प्रभावी उपाय है.
सर्दियों में क्या खिलाएं?
ठंड में कुत्तों को ऐसा भोजन देना चाहिए जो गर्म, ऊर्जावान और आसानी से पचने वाला हो. उबला हुआ चिकन या मछली (बिना मसाले), दलिया या ओट्स (पानी में), उबले आलू, शकरकंद, अंडा, लेकिन सिर्फ सफेद हिस्सा ठंड में पीला भाग नहीं देना चाहिए, गर्म पानी और हल्का सूप भी उनकी अंदरूनी गर्मी बनाए रखते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि इस मौसम में प्याज, लहसुन और नमक वाले भोजन से पूरी तरह बचना चाहिए क्योंकि यह कुत्तों के लिए विषाक्त होता है. वहीं टीकाकरण भी अत्यंत आवश्यक है खासकर पार्वो और डिस्टेंपर जैसे खतरनाक वायरस से बचाव के लिए.
डॉ. बृहस्पति भारती का स्पष्ट कहना है कि सर्दियों में कुत्तों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है. अगर खानपान, वॉक, ग्रूमिंग और गर्माहट का ध्यान सही तरीके से रखा जाए तो पालतू कुत्ते सर्दियों को आराम से झेल सकते हैं और बीमारियों से भी बच सकते हैं.