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Madhya Pradesh SIR Voter List Draft Roll: पश्चिम बंगाल में 58 लाख मतदाताओं के नाम कटने के बाद एमपी में भी बड़े स्तर पर नाम हटने की आशंका जताई जा रही है. अकेले राजधानी भोपाल में करीब साढ़े चार लाख मतदाताओं के नामों पर संकट है. इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं, जबकि प्रशासन निष्पक्षता का दावा कर रहा है.
भोपाल. मध्य प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के अंतिम दौर में पहुंचते ही सियासत तेज हो गई है. पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से करीब 58 लाख नाम कटने के बाद प्रदेश में हलचल बढ़ गई है. माना जा रहा है कि एमपी में भी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हट सकते हैं. अकेले राजधानी भोपाल में ही करीब साढ़े चार लाख मतदाताओं के नामों पर खतरा मंडरा रहा है. 23 दिसंबर को वोटर लिस्ट की ड्राफ्ट कॉपी जारी होगी, जिसे बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी के बाद साफ हो जाएगा कि प्रदेश में कितने मतदाताओं के नाम लिस्ट से बाहर हुए.
इसी को लेकर न्यूज़ 18 ने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने राजनीतिक दलों के लोगों के साथ मिलकर जिन मतदाताओं ने अभी तक अपने फार्म भरकर नहीं दिए थे उनके घर जाकर चेकिंग की है. ऐसे लोगों की संख्या लगभग साढ़े चार के आस पास है. जब हम उनके घर पर गए तो अधिकांश में यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि पहले वह यहां किराए से रहते थे अब दूसरी जगह रहने लगे हैं या स्थाई मकान बना लिया है. कुछ लोगों के ट्रांसफर होने की भी जानकारी मिली है. वहीं कुछ लोग विदेश में शिफ्ट हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 23 तारीख सूची प्रकाशन के बाद भी वह लोग कार्यालय आकर नाम जुड़वा सकेंगे.
कांग्रेस खुद करेगी वेरिफिकेशन
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हर जोड़े और घटाए गए नाम का कांग्रेस वेरिफिकेशन करेंगी. हमने चुनाव आयोग से कहा है कि जिसका नाम 2003 की सूची में है उनका नाम बरकरार रखा जाए. देखने में आ रहा है कि मतदाता के उपस्थित न होने पर उसका नाम हटाया जा रहा है. हमने पहले भी चुनाव आयोग से शिकायत की थी अगर नाम काटे गए तो एक फिर कांग्रेस का प्रतिनिधि दल चुनाव आयोग से मिलेगा और आपत्ति दर्ज कराएगी.
चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम कर रहा
विधायक बीजेपी भगवानदास सबनानी ने बताया कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम कर रहा है. यह बात तो हम भी कह रहे हैं कि वैध मतदाता का नाम नहीं कटना चाहिए पर जो अवैध तरीके रह रहे हैं उनका नाम तो कटना ही चाहिए. कई नाम एक से अधिक जगह हैं इसीलिए हटाए जा रहे हैं.
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Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें