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लगातार सोयाबीन में कई साल तक घाटा खाने के बाद किसानों ने मक्का पर विश्वास जताया था लेकिन आठवें वर्ष मक्का के भाव ने किसानों को मायूस कर दिया। पिछले वर्ष दिसंबर माह में 2200 रुपए प्रति क्विंटल का मक्का बेच चुके किसानों को इस वर्ष अच्छा भाव मिलने की उम्मीद थी लेकिन इस वर्ष दिसंबर माह में मक्का का भाव 1800 रुपए भी पार नहीं कर सका। किसानों को इस वर्ष मक्का का भाव 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल मिलने की आस थी लेकिन अब किसान 1700 रुपए प्रति क्विंटल में ही बेचकर खुश हो रहे हैं।
ब्लाक में वर्ष 2016 में कुछ किसानों ने प्रयोग के तौर पर मक्का की बोवनी की थी अच्छा उत्पादन होने के कारण 2017 में चार किसानों ने मक्का पर विश्वास जताया जिसके बाद ब्लाक में 2018 व 2019 में मक्के का रकबा बढ़ गया हालांकि किसानों को मक्का बेचने मंे परेशानी जरूर हुई लेकिन मक्का की खेती में फायदा हुआ और 2020 में मक्का का रकबा 920 हेक्टेयर हो गया, 2021 में 2100 हेक्टेयर, 2022 में 3430, 2023 में 6150, 2024 में 17650 हेक्टेयर में मक्का की बोवनी हुई। 2025 में तो मक्का का रकबा 39200 हेक्टेयर रहा लेकिन भाव बहुत कम रहे। मंडी में मक्का पहली बार 2021 में आया था जिसकी बोली 1100 से 1250 रुपए प्रति क्विंटल तक लगी थी लेकिन अब मक्का का भाव 1400 से 1600 तक थमा हुआ है। मंगलवार को मंडी में 15500 क्विंटल मक्का की आवक हुई जिसकी बोली 1400 से 1750 रुपए प्रति क्विंटल लगी हालांकि अधिकतम भाव से कुछेक ढेर ही बिके जबकि 1500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से सबसे ज्यादा ढेर बिके।