Katiya Gehun Daliya Recipe. सर्दी के मौसम में छतरपुर जिले में एक ऐसा भी दलिया खाया जाता है जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक पसंद करते हैं. इस दलिया को ताकत का भंडार माना जाता है. इसे सर्दी के मौसम में हर तरह से खाया जाता है. आप इस दलिया को 8 महीने से शिशुओं को भी देना शुरू कर सकते हैं.
80 वर्षीय केशकाल जी बताती हैं कि छतरपुर जिले में सालों से कटिया गेहूं का दलिया बनता आया है. यहां सिर्फ गेहूं का दलिया ही नहीं रोटी भी बनाई जाती है. केशकली बताती हैं कि आजकल बाजारों में ऐसी चीजें भी आने लगी हैं जो 2 मिनट में तैयार हो जाती हैं, हमारे छतरपुर जिले का कटिया गेहूं का यह दलिया भी 5 मिनटों में तैयार हो जाता है. यह बाजार की चीजों से कहीं ज्यादा ताकत देने वाला खाना होता है.
ताकत का खजाना है दलिया
केशकाल जी बताती हैं कि यह दलिया ताकत का भंडार होता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं. यह बहुत ही पाचुक होता है. इसे ठंड के मौसम में छतरपुर जिले के घर-घर में खाया जाता है. हमारे यहां तो इसे पीढ़ियां से खाते चले आ रहे. हमारे बुजुर्ग भी इसी दलिया को खाते थे.
कटिया गेहूं के दलिया बनाने की रेसिपी
केशकली जी बताती हैं कि दलिया को बनाने के लिए सबसे पहले आपको कटिया गेहूं को धोना होता है. फिर इसे दलना होता है, फिर इसे घी से भूना जाता है. इसके बाद आप इसे दले गेहूं को नमक और पानी के साथ पकाने वाले बर्तन में डाल देना है और कुछ मिनटों बाद आपको दलिया खाने को मिल जाता है. आप इसे जितना गरमा-गरम खाएंगे उतना ही अच्छा लगता है. अगर दलिया गर्म है तो आप इसे सूखा भी खा सकते हैं. इस कटिया गेहूं की यही खासियत होती है कि आप इस दलिया को सूखा भी खा सकते हैं.
पुराना गेहूं का दलिया टेस्टी होता है
केशकली जी बताती हैं कि कटिया गेहूं जितना पुराना होता है उतना ही अच्छी इसकी रोटी और दलिया बनता है. हम ऐसे ही इसको खाते आए हैं. एक-दो साल पुराने कटिया गेहूं की आप रोटी या दलिया खाएंगे तो उसका स्वाद ही अलग होता है.
ऐसे खा सकते हैं दलिया
केशकली जी बताती हैं कि यह दलिया आप दूध में भी खा सकते हैं, इसे सब्जी में भी खाया जा सकता है. इसे फ्राई करके भी खा सकते हैं, इसकी खिचड़ी भी आप बना सकते हैं. इसे घी और गुड़ में भी खा सकते हैं यानी कि डिश एक होती है और खाने के तरीके बहुत सारे होते हैं.
किसी भी बर्तन में बनाएं
केशकली जी बताती हैं कि आप इसे किसी भी बर्तन में बना सकते हैं. हमारे जमाने में तबेली या पतेली में बनाया जाता था और यह धीरे-धीरे पकता रहता था लेकिन आजकल फास्ट जमाना है तो लोग जल्दी खाना चाहते हैं तो इसे आप प्रेशर को करने भी बना सकते हैं. प्रेशर कुकर में यह दलिया 5 मिनट में ही बनकर तैयार हो जाता है.
पाचन शक्ति बढ़ाता है
केशकली बताती हैं कि जिनका पेट साफ नहीं होता है या जिन्हें कब्ज की बीमारी है तो वह हर दिन अगर दलिया खाते हैं तो उन्हें किसी भी तरह की कब्ज की समस्या नहीं होती है. क्योंकि कटिया गेहूं का दलिया बहुत पाचुक होता है.