12 साल चली दोस्ती, प्यार को शादी में बदलने के लिए झेलना पड़ा विरोध

12 साल चली दोस्ती, प्यार को शादी में बदलने के लिए झेलना पड़ा विरोध


खंडवाः एक छोटे से गांव से शुरू हुई यह कहानी सिर्फ प्यार की नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और भरोसे की मिसाल है. यह रियल लव स्टोरी है खंडवा के जाने-माने डॉक्टर नरेंद्र पटेल और उनकी पत्नी रिंकू पटेल की, जो आज बैंक मैनेजर हैं. दोस्ती से शुरू हुआ यह रिश्ता पूरे 12 साल चला और आखिरकार शादी के पवित्र बंधन में बंधा.

LOCAL 18 से बात करते हुए डॉक्टर नरेंद्र पटेल कहते है कि यह कहानी की शुरुआत साल 2006 में हुई. खंडवा जिले के बावड़ियां गांव में रहने वाले नरेंद्र पटेल उस समय डॉक्टर बनने की तैयारी पूरी कर चुके थे. आसपास के गांवों में वे अकेले ऐसे युवक थे जिन्होंने उस दौर में पीएमटी (आज का नीट) परीक्षा पास की थी. इसी बीच सालई (गजवाडा)गांव की रहने वाली रिंकू अपने मामा के घर बावड़ियां आईं. रिंकू भी आगे पढ़ना चाहती थीं और डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं. पढ़ाई और एंट्रेंस एग्जाम की जानकारी लेने के लिए वे नरेंद्र से मिलने लगीं.

पढ़ाई के दौरान मिलते मिलते हुई दोस्ती

यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई. शुरुआत में सिर्फ पढ़ाई की बात होती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह दोस्ती भरोसे और समझ में बदल गई. दोनों को खुद भी पता नहीं चला कि कब यह रिश्ता प्यार बन गया. रिंकू पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहती थीं, लेकिन उस समय परिवार की तरफ से पढ़ाई छुड़वाने का दबाव भी था. नरेंद्र बताते हैं कि उन्होंने रिंकू के परिवार को समझाया कि बेटी को पढ़ने दीजिए, वह जरूर कुछ अच्छा करेगी.

समय के साथ रिंकू ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई पूरी की और मेहनत के दम पर बैंक में नौकरी हासिल की. उधर नरेंद्र भी डॉक्टर बन चुके थे. दोनों अपने-अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ा. उनका प्यार किसी जल्दबाजी में नहीं था. दोनों जानते थे कि पहले खुद को काबिल बनाना जरूरी है. हालांकि राह आसान नहीं थी.  दोनों अलग-अलग समाज से आते थे. जब शादी की बात आई तो परिवार तैयार नहीं थे.

अंतरजातीय विवाह का हो रहा था विरोध

गांव वालों का भी विरोध था. अंतरजातीय विवाह होने की वजह से समाज ने कई सवाल खड़े किए. लेकिन नरेंद्र और रिंकू ने हार नहीं मानी. उन्होंने परिवार को समझाया, समय दिया और धैर्य रखा. आखिरकार साल 2017 में, जब दोनों ने अपनी-अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और करियर में स्थिर हो गए, तब दोनों परिवार मान गए. 12 साल की लंबी प्रेम कहानी शादी में बदली. शादी के बाद भी सामाजिक दिक्कतें आईं, लेकिन दोनों ने मिलकर हर मुश्किल का सामना किया. धीरे-धीरे परिवार और गांव वालों ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया.

आज डॉ. नरेंद्र पटेल खंडवा में एक सफल डॉक्टर हैं और रिंकू पटेल गुजरात के बड़ौदा में बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. दोनों का जीवन खुशहाल है और उनके दो बच्चे हैं. नरेंद्र कहते हैं कि आज के समय में ऐसा प्यार कम देखने को मिलता है, जो सालों तक धैर्य के साथ निभाया जाए.

युवा प्रेमी को दिया संदेश

वे युवाओं को संदेश देते हैं कि प्यार में सिर्फ भावनाएं नहीं, जिम्मेदारी भी जरूरी है. पहले खुद को काबिल बनाइए, पढ़ाई और मेहनत पर ध्यान दीजिए. जब आप अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं, तो परिवार भी आपकी बात समझता है. सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में साथ दे और सही वक्त का इंतजार करना सिखाए. डॉक्टर नरेंद्र और रिंकू की यह कहानी साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों और भरोसा सच्चा हो, तो गांव की एक साधारण दोस्ती भी मिसाल बन सकती है.



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