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Plastic Mulching Subsidy: मध्य प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग में खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रही है. प्लास्टिक मल्चिंग में फसलें लगाकर किसान 4 गुना तक आमदनी हासिल कर सकते हैं. इस प्रोजेक्ट के जरिए किसान 12 महीनें कोई भी सब्जियां तैयार कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश में किसान नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए प्लास्टिक मल्चिंग सबसे बेहतरीन उदाहरण साबित हो रही है. इससे न केवल पानी की बचत हो रही है बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन भी बढ़ा है. राज्य सरकार प्लास्टिक मल्चिंग पर 50% सब्सिडी भी दे रही है.
ग्रामीण उद्यान अधिकारी सत्यनारायण सिंह ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक न केवल जोखिम को कम कर रही है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा रही है. आज के समय में खराब मौसम, असमय बारिश, अधिक तापमान और कीट-रोगों के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इन्हीं जोखिमों को कम करने के लिए उद्यानिकी विभाग किसानों को संरक्षित खेती अपनाने की सलाह दे रहे हैं. प्लास्टिक मल्चिंग इसी संरक्षित खेती का बेहतरीन उदाहरण है, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, खरपतवार पर नियंत्रण होता है और फसल को अनुकूल वातावरण मिलता है.
ग्रामीण उद्यान अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार भी किसानों को आधुनिक कृषि से जोड़ने के लिए आगे आई है. प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक मल्चिंग से खेती करने वाले किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान देने का निर्णय लिया है. इससे खेती की लागत घटेगी और किसान कम जोखिम में बेहतर उत्पादन ले सकेंगे.
ग्रामीण उद्यान अधिकारी सत्यनारायण सिंह ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि विंध्य क्षेत्र के किसान इस तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं. यहां प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों और उद्यानिकी फसलों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मल्चिंग से खरपतवार की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है, जिससे बार-बार निराई गुड़ाई की जरूरत नहीं पड़ती. साथ ही कीटनाशकों का उपयोग भी कम होता है. सरकार द्वारा इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर अधिकतम 16 हजार रुपए से 32 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है. न्यूनतम 250 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले किसान भी इसके लिए पात्र हैं.
आवेदन के लिए किसान एमपी ऑनलाइन सेंटर या MP Watershed Mission की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, खसरा, बैंक पासबुक, फोटो और जाति प्रमाण पत्र शामिल हैं. यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू की जा रही है. ऐसे में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह है कि किसान समय रहते आवेदन करें और आधुनिक तकनीक को अपनाकर खेती को लाभकारी बनाएं.
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Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें