छतरपुर में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके चलते पूरा शहर रात 9 बजे से ही घने कोहरे की चपेट में आ जाता है, जो सुबह 10 बजे तक बना रहता है। इस घने कोहरे के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जिससे दुर्घ
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पिछले दो-तीन दिनों से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक धुंध छाई रहेगी। सुबह 10 बजे के बाद ही धूप निकलने से कुछ राहत मिलती है। खजुराहो स्थित मौसम विभाग के आरएस परिहार ने बताया कि छत्तीसगढ़ की ओर से आ रही हवाओं के कारण बुंदेलखंड में कोहरे का असर दिखाई दे रहा है।
शहर में रात का तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिन का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो-तीन दिनों से रात के तापमान में लगातार गिरावट जारी है। दिन में धूप निकलने पर लोगों को ठंड से कुछ राहत मिलती है।
तापमान में गिरावट के साथ ही ठंड से बचने के लिए ऊनी वस्त्रों की बिक्री बढ़ गई है। एक सप्ताह पहले तक दिन और रात के तापमान में अधिक अंतर नहीं था, और दोपहर में तेज धूप से राहत मिलती थी। हालांकि, अब शाम होते ही शीतलहर के कारण ठिठुरन बढ़ जाती है, जिससे लोग गर्म कपड़ों या अलाव का सहारा ले रहे हैं।
दृश्यता की बात करें तो, दोपहर में यह लगभग दो हजार मीटर दर्ज की गई। वहीं, रात 9 बजे से सुबह 10 बजे तक दृश्यता घटकर 20 से 50 मीटर रह जाती है। तेज धूप निकलने के बाद ही दृश्यता में सुधार होता है।
चिकित्सक बोले: हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट का बढ़ा खतरा दिसंबर और जनवरी के महीनों में बढ़ने वाली अत्यधिक ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आम जनमानस के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। न्यूनतम तापमान में होने वाली भारी गिरावट से जनमानस के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, जैसे हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी शीतजनित बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
एडवाइजरी में विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बेघर व्यक्तियों की सुरक्षा पर जोर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ठंड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और विषम परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें।
बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें एडवाइजरी में बताया गया है कि शीतलहर के दौरान पर्याप्त मात्रा में गरम कपड़े पहनें और शरीर को कई परतों में ढंककर रखें। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों की सुरक्षा के लिए टोपी, मफलर एवं मोज़ों का उपयोग अनिवार्य है।
संतुलित आहार के साथ विटामिन-सी युक्त फल व सब्जियों और गरम तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। यथासंभव घर के अंदर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। विभाग ने चेतावनी दी है कि गीले कपड़े पहनकर न रहें और हाइपोथर्मिया से पीडि़त व्यक्ति को कभी भी मादक पेय पदार्थ न दें।
बीमारी के लक्षण और आपातकालीन उपाय अत्यधिक ठंड लगने पर शरीर में तेज कंपकंपी, अत्यधिक थकान, भ्रम की स्थिति, बोलने में कठिनाई और नींद आना हाइपोथर्मिया के लक्षण हो सकते हैं। वहीं, उंगलियों, कानों या नाक का सुन्न होना, सफेद या पीला पडऩा फ्रॉस्टबाइट की ओर इशारा करता है।
ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत गरम स्थान पर ले जाकर सूखे कंबल से ढंकें और शीघ्र अस्पताल पहुँचाएं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि शीतलहर के दौरान बरती गई थोड़ी सी सावधानी किसी की जान बचाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।