खरगोन में जागृत आदिवासी दलित संगठन ने रोजगार गारंटी के ‘जी राम जी’ अधिनियम विधेयक की प्रतियां जलाईं। संगठन ने इस विधेयक को ‘काला कानून’ बताते हुए इसकी वापसी की मांग की। संगठन का तर्क है कि सरकार वर्तमान में 100 दिन का रोजगार भी सुनिश्चित नहीं कर पा र
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संगठन ने बताया कि काम न मिलने के कारण कई आदिवासी और दलित मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। संगठन कार्यकर्ताओं ने ‘हर हाथ को काम दो’ ‘हमु आखा एक छे’ के नारे लगाए।
संगठन के प्रतिनिधि शिवराम कनासे ने कहा कि यह नया रोजगार कानून मजदूरों के साथ धोखा है और इससे काम का हक खत्म हो गया है। उन्होंने तत्काल इस कानून को वापस लेने की मांग की। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि विधेयक वापस नहीं लिया गया तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान दयाराम आवासे, सुभाष डुडवे, ईलम सिग सहित जागृत आदिवासी दलित संगठन के कई अन्य प्रतिनिधि और सदस्य मौजूद थे।
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मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है। इसे मौजूदा शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध भी किया गया है। पूरी खबर पढ़ें