सारणी में बाघ की दहशत, पांचवीं बार दिखा मूवमेंट: वन विभाग ने पुष्टि की, अधिकारी बोले- अब नहीं है बाघ – Betul News

सारणी में बाघ की दहशत, पांचवीं बार दिखा मूवमेंट:  वन विभाग ने पुष्टि की, अधिकारी बोले- अब नहीं है बाघ – Betul News


बैतूल के सारनी इलाके में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) से एक बार फिर बाघ की गतिविधि पहुंच गई है। सात दिनों में भीतर राख बांध, सलैया और पाथाखेड़ा के ड्रिलिंग कैंप के आसपास बाघ के मूवमेंट की सूचना ने स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना दिया है। बताया जा र

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वन विभाग की टीम ने सूचना मिलते ही इलाके में सर्च अभियान चलाया, जहां कई स्थानों पर बाघ के पगमार्क (पदचिह्न) भी मिले हैं। चूरना से लेकर सारनी तक का इलाका बाघ की टेरिटरी के रूप में जाना जाता है, जहां समय-समय पर इसकी उपस्थिति दर्ज होती रही है।

सात दिन में शिकार की नहीं मिली जानकारी हालांकि, पिछले सात दिनों में किसी भी पशु के शिकार की सूचना नहीं मिली है। जानकारों का कहना है कि नपा क्षेत्र में आवारा पशुओं की भरमार के कारण बाघ को भोजन के लिए पर्याप्त शिकार मिल जाता है, इसलिए किसी विशेष शिकार की खबर नहीं आती। ग्रामीण इलाकों में अक्सर पालतू पशुओं के शिकार पर लोगों द्वारा वन विभाग को सूचना दी जाती है।

सलैया में देखा गया बाघ, रात में खेत मालिक ने की पुष्टि ग्राम पंचायत सलैया के माता मंदिर के जंगल में तीन दिन पहले एक खेत मालिक ने बाघ को देखा। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और लोकेशन की जानकारी जुटाई।

एसडीओ फॉरेस्ट अजय वाहने ने बताया कि क्षेत्र सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है, इसलिए कभी-कभी बाघ का मूवमेंट बना रहता है। उन्होंने कहा हमने दल बनाकर जांच करवाई थी। लगभग पांच दिन पहले पगमार्क मिले थे, लेकिन अब नहीं हैं।

क्षेत्र में तेंदुए भी हैं, कई बार लोग तेंदुए को बाघ समझ लेते हैं। पिछले सप्ताह टाइगर जरूर था, अभी नहीं है। लगातार निरीक्षण करवाया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट फोटो नहीं मिला है।



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