एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब एक माह में दूसरी गंभीर घटना सामने आई है। जूनियर छात्रों ने सीनियरों पर फ्लैट में बुलाकर मारपीट, डराने-धमकाने और जबरन शराब पिलाने के आरोप लगाए हैं। इन सीनियरों में पूर्व में रैगिं
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इस बार रैगिंग की शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को करने की नहीं बल्कि कॉलेज प्रशासन को एक गुमनाम पत्र मिला। एंटी-रैगिंग कमेटी की जांच में लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई। शिकायत के अनुसार 2025 बैच के जूनियर छात्रों को 2024 बैच के सीनियर छात्रों ने एक निजी फ्लैट पर बुलाया, जहां उनके साथ मारपीट की गई और जबरन नाचने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ितों में इंदौर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर का बेटा भी शामिल है। जांच में यह भी सामने आया कि ताजा मामले में नामजद दो सीनियर छात्र 18 नवंबर की रैगिंग घटना में भी शामिल थे। कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें पहले एक माह के लिए निलंबित किया था।
खुलकर बोलने से भी डरे जूनियर
शिकायत सामने आने के बाद कमेटी ने सीनियर और जूनियर छात्रों को अलग-अलग बुलाकर बयान दर्ज किए। जांच के दौरान रैगिंग की पुष्टि हुई। बताया गया कि घटनाओं के बाद जूनियर छात्र इतने डरे हुए थे कि पूछताछ के दौरान भी वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे थे।

डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विस्तृत जांच की जा रही है। शिकायत मिलने के तुरंत बाद एंटी-रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू की और जूनियर व सीनियर छात्रों के बयान अलग-अलग दर्ज किए हैं।
बिना ब्रेक के कराई लंबी फिल्डिंग
हाल ही में एक अन्य शिकायत में जूनियर छात्रों ने खेल के दौरान उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर छात्र क्रिकेट खेलते रहे और जूनियरों से घंटों तक बिना ब्रेक फील्डिंग करवाई गई। सीनियरों ने उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं दिया गया और लंबे समय तक मैदान में खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया। इस शिकायत की भी जांच की जा रही है।
घंटों तक बंधक बनाने का था आरोप
इसके पूर्व 18 नवंबर को जूनियर छात्रों ने यूजीसी में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे अगले दिन कॉलेज को भेज दिया गया। 20 नवंबर को एंटी-रैगिंग कमे्री की बैठक हुई, जिसके बाद चार सीनियर छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। तब जूनियरों ने नियमित प्रताडित करने, गाली-गलौज, निजी फ्लैटों में मारपीट, शराब और सिगरेट पीने का दबाव तथा करीब तीन घंटे तक बंधक बनाए जाने के आरोप लगाए थे।
पिछले साल 54 छात्रों के लिए थे बयान
दिसंबर 2024 में ‘प्लीज हेल्प मी’ नामक एक एक्स (X) अकाउंट के जरिए हॉस्टल में रैगिंग का मामला उजागर किया गया था। इसके बाद कमेटी ने 54 छात्रों के बयान दर्ज किए थे, हालांकि सभी ने आरोपों से इनकार किया था। वहीं, यूजीसी में की गई एक अन्य शिकायत में हॉस्टल की छतों पर रातभर रैगिंग किए जाने और खेल गतिविधियों के दौरान उत्पीड़न के तहत छह घंटे तक खड़ा रखे जाने के आरोप लगाए गए थे।
दो सालों में रैगिंग की आठ शिकायतें
अक्टूबर में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा ने रैगिंग में गंभीर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसका आरोप था कि तनाव के चलते चार महीनों में उसका वजन 22 किलो कम हो गया और उसे 14 दिन की छुट्टी लेकर घर जाना पड़ा। बाद में यह शिकायत वापस ले ली गई। पिछले दो सालों में कॉलेज में रैगिंग से जुड़ी आठ से शिकायतें सामने आ चुकी हैं।