सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते परिजन और ग्रामीण।
दमोह जिले के मगरोंन थाना क्षेत्र के मंगोला गांव में देवी सिंह लोधी की हत्या के विरोध में परिजनों ने रविवार दोपहर दमोह-छतरपुर हाईवे पर जाम लगा दिया। वे सात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
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बटियागढ़ बाईपास पर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर परिजनों ने सड़क अवरुद्ध कर दी, जिससे दमोह-छतरपुर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सूचना मिलते ही पथरिया एसडीओपी प्रिया सिंधी, हटा थाना प्रभारी सुधीर बेगी और बटियागढ़ थाना प्रभारी रजनी शुक्ला सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
परिजनों को शव लेने से इनकार
मृतक देवी सिंह लोधी के भतीजे यशवंत लोधी ने बताया कि शनिवार को उनके चाचा की सात लोगों ने घर के बाहर बुलाकर हत्या कर दी थी। रविवार सुबह शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तक सभी सात आरोपियों पर मामला दर्ज नहीं हो जाता, वे सड़क से नहीं हटेंगे।
हाईवे पर बैठ मृतक परिजन।
कुछ लोग गांव में नहीं रहते
एसडीओपी प्रिया सिंधी ने बताया कि परिजन रॉड से हमला करने की बात कह रहे हैं, जबकि मृतक के गले में किसी नुकीली चीज से हमला किया गया था, जिससे अत्यधिक खून बहने के कारण उनकी मौत हुई। परिजनों द्वारा बताए गए सात नामों में से कुछ लोग गांव में नहीं रहते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सात में से तीन लोग ऐसे हैं जो गांव में रहते ही नहीं हैं।
रविवार दोपहर 3 बजे तक प्रदर्शन जारी रहा। परिजन अपनी मांग पर दृढ़ थे और उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे सड़क से नहीं हटेंगे।
प्रेस प्रसंग का मामला
हत्या का कारण प्रेम प्रसंग निकलकर सामने आ रहा है। मृतक देवी ने विश्वकर्मा परिवार की एक महिला को फोन लगाया था। जिसके बाद यह विवाद हुआ है। परिजनों ने विश्वकर्मा परिवार के नन्नू विश्वकर्मा, रामलाल विश्वकर्मा, बद्री, दीपक, शीलरानी, अंशुल, श्रीराम, रामप्रसाद, दयाल और गुटई एवं अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। एडीओपी परिजनों को समझाने का प्रयास कर रही हैं।