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Satna News: नवजातों के परिजनों से बात करने पर बिल्कुल उलट और चौंकाने वाली बात सामने आई क्योंकि कई महिलाओं ने वार्ड में चूहों के होने से इनकार कर दिया. एक महीने से SNCU में रह रही कुछ मांओं ने कहा कि यहां आज तक कोई चूहा नहीं दिखा.
सतना. मध्य प्रदेश के सतना में जिला अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में चूहों की बेखौफ धमाचौकड़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मुंह में मुंगौड़ी दबाए चूहे कंप्यूटर टेबल, वाई-फाई राउटर और नवजात शिशुओं के केबिन के आसपास घूमते नजर आए. जानकारी के लिए आपको बता दें कि यहां 40 कमजोर नवजात भर्ती हैं, यानी वो बच्चे जो समय से पहले जन्मे या संक्रमण से जूझ रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह वीडियो तीन दिन पुराना है और इंदौर-जबलपुर जैसे मामलों की याद दिला रहा है.
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नियमित पेस्ट कंट्रोल और रैट ट्रैप लगाए जाते हैं लेकिन वीडियो ने इन दावों की पोल खोल दी. सूत्रों के अनुसार, स्टाफ वार्ड में ही खाना खाता है, जिससे चूहे आकर्षित होते हैं. मामले की तह तक जाने के लिए लोकल 18 की टीम ने नवजातों के परिजनों से बात की, जहां बिल्कुल उलट और चौंकाने वाली बात सामने आई क्योंकि कई महिलाओं ने चूहों के होने से इनकार कर दिया. एक महीने से SNCU में रह रही मांओं ने कहा कि आज तक यहां कोई चूहा नहीं दिखा. क्या कैमरे के सामने डर या दबाव है या सच में वायरल वीडियो गलत तरह से पेश किया जा रहा है. यह सवाल अब गरमाया हुआ है.
परिजनों की आपबीती
SNCU विवाद के बीच अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल और तेज हो गए. बिरसिंहपुर के पंकज मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि वह 17 तारीख को भर्ती हुए और 18 को ऑपरेशन तय था. ड्रेस पहना ली, ओटी के बाहर घंटों इंतजार भी हुआ लेकिन दोपहर में बोला गया कि आज नहीं, अब 15 दिन बाद आना. तब से एक महीना बीत गया मगर अब तक ऑपरेशन नहीं हुआ. भास्कर दत्त द्विवेदी ने तंज कसते हुए कहा कि यहां चार महीने बाद सोनोग्राफी रिपोर्ट मिलती है. डॉक्टर कभी समय पर नहीं आते. वहीं अपना बच्चा दिखाकर लौट रहीं वर्षा द्विवेदी ने भी SNCU में चूहे दिखने से साफ इनकार किया. कुछ परिजन बोले कि मरीजों का भटकना इस अस्पताल की रीत है. साथ ही एक्सीडेंट के जख्मी कॉरिडोर में बैठे मिले और बोले स्टाफ की मनमानी हद पार कर चुकी है.
SNCU में वेंटिलेटर की कमी
जानकारी के लिए बता दें कि SNCU में वेंटिलेटर की कमी और संक्रमण के मामले पहले भी उठ चुके हैं. वहीं अब वायरल वीडियो के बाद जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने पेस्ट कंट्रोल टीम तैनात करने की घोषणा की है. मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री श्रमिक स्वास्थ्य योजना के तहत सुधार का दावा है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है.
सबसे बड़ी बात यह है कि परिजनों का इनकार वीडियो के दावों से टकरा रहा है. वहीं सतना अस्पताल की साख दांव पर है और नवजातों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है. क्या SNCU सुरक्षित बनेगा या यह विवाद और बढ़ेगा.
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राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.