महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ रविवार को उज्जैन शहर कांग्रेस कमेटी ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर कांग्रेस कार्यालय से रैली निकालकर क्षीरसागर स्थित गां
.
इस प्रदर्शन में शहर व जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। रैली का नेतृत्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक महेश परमार ने किया।
मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में उज्जैन शहर कांग्रेस कमेटी ने विरोध प्रदर्शन किया।
तख्तियां और बैनर लेकर निकाली गई रैली
मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता रविवार को शहर कांग्रेस कार्यालय पर एकत्रित हुए। इसके बाद हाथों में तख्तियां, बैनर और महात्मा गांधी के पोस्टर लेकर रैली निकाली गई। रैली क्षीरसागर स्थित गांधी उद्यान पहुंची, जहां गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना दिया गया।

महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठक प्रदर्शनकारी कांग्रेसी।
सरकार की नीति पर साधा निशाना
धरने को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा योजना की शुरुआत की थी, जिससे गांव-गांव में लोगों को काम मिला।
उन्होंने केंद्र सरकार के नए प्रावधानों की आलोचना करते हुए कहा कि अब योजना में 40 प्रतिशत बजट राज्य सरकारों पर डाला जा रहा है, जबकि कई राज्य पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया।

महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे कांग्रेसी।
गांधी का नाम योजनाओं से हट सकता है, दिलों से नहीं
रवि राय ने कहा कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना सबसे निंदनीय कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार चाहे योजना से गांधी जी का नाम बदल दे, लेकिन कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और देश के 140 करोड़ लोगों के दिलों से गांधी जी का नाम नहीं मिटाया जा सकता। उन्होंने कहा कि बापू पूरी दुनिया में अहिंसा के पुजारी के रूप में पहचाने जाते हैं और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
सभी कांग्रेस प्रकोष्ठों की रही भागीदारी
प्रदर्शन के दौरान शहर और जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, सेवादल, महिला कांग्रेस, पार्षद, ब्लॉक अध्यक्ष, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस सहित पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।