अशोकनगर में राज्य शिक्षक संघ ने रविवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर धरना दिया। इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
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संघ की प्रमुख मांगों में से एक अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की वरिष्ठता से संबंधित है। उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षा सेवा में अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति 1 जुलाई 2018 से की गई थी, लेकिन तब से लेकर आज तक उनकी वरिष्ठता तिथि को लेकर असमंजस बना हुआ है। नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता न मिलने के कारण शिक्षकों को कई लाभों से वंचित होना पड़ रहा है। संघ ने मांग की कि अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।
पुरानी पेंशन योजना लागू करने की भी मांग शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को भी बंद करने की मांग की। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के शिक्षक नियमित रूप से निष्ठापूर्वक कार्य करते हैं, जिसका प्रमाण प्रदेश की प्रावीण्य सूची में शासकीय विद्यालयों के बच्चों का स्थान बनाना है। इसलिए, नियमित उपस्थिति के लिए लागू की गई अव्यवहारिक ई-अटेंडेंस व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए।
अन्य मांगों में मध्य प्रदेश के समस्त कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, अतिथि शिक्षकों की सेवाओं को पूरे वर्ष निरंतर रखने की भी मांग की गई।
महिला शिक्षकों के लिए मातृत्व अवकाश के दूसरे वर्ष में वेतन को 80 प्रतिशत से बढ़ाकर पूर्ववत 100 प्रतिशत करने की मांग की गई। वर्तमान में यह अवकाश 2 वर्ष का दिया जाता है। जनशिक्षक और बीएससी की प्रतिनियुक्ति की उम्र सीमा को 52 वर्ष से बढ़ाकर 56 वर्ष करने की भी मांग की गई, जो डीपीसी, एपीसी और बीआरसीसी पदों के समान हो।