रायसेन के रामलीला मैदान में रविवार को सीता स्वयंवर की लीला का मंचन किया गया। रामलीला मंचन के सातवें दिन भगवान राम ने शिव धनुष तोड़ा। धनुष टूटने पर भगवान परशुराम क्रोधित हो गए और उन्होंने राजा जनक के दरबार में पहुंचकर धनुष तोड़ने वाले के बारे में पूछा
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राजा जनक ने परशुराम को बताया कि उनकी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया गया था। अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के पुत्र राम ने यह धनुष तोड़ा है। इसके बाद लक्ष्मण और परशुराम के बीच तीखा संवाद हुआ, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
लीला की शुरुआत में महर्षि विश्वामित्र भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ सीता स्वयंवर में जनकपुरी पहुंचे थे।
स्वयंवर में देश-विदेश के कई राजाओं ने भाग लिया, लेकिन कोई भी भगवान शिव के धनुष को हिला तक नहीं पाया। इससे राजा जनक अपनी पुत्री सीता के लिए योग्य वर न मिलने को लेकर चिंतित हो गए थे। इसी दौरान भगवान श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ने के लिए विश्वामित्र से आज्ञा मांगी।
विश्वामित्र की आज्ञा मिलने पर श्रीराम ने धनुष के समीप पहुंचकर पहले प्रणाम किया, परिक्रमा की और फिर उसे तोड़ दिया। धनुष टूटते ही पूरा रामलीला परिसर भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। रायसेन की इस रामलीला में स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं। कल (सोमवार) भोपाल रोड चोपड़ा मंदिर से धूमधाम के साथ श्री राम की बारात निकाली जाएगी। बारात में चारों राजकुमार घोड़े पर सवार होंगे।
