अफ्रीका के स्टेडियम में मैच के दौरान दूसरे खिलाड़ी का पंच मारता निशांत देव।
अफ्रीका में भारत के उभरते बॉक्सिंग सितारे ने एक बार फिर तिरंगा ऊंचा किया है। करनाल शहर के बेटे निशांत देव ने घाना में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए तंजानिया के बॉक्सर को तकनीकी नॉकआउट से पराजित कर दिया। मुकाबले में निशांत
.
इस जीत के साथ उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सिंग में अपनी अजेय लय को बरकरार रखा और वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई।
घाना के अक्रा में हुआ मुकाबला यह मुकाबला घाना की राजधानी अक्रा के लेगॉन स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित मैच रूम बॉक्सिंग इवेंट का हिस्सा था। लाइट मिडिलवेट 71 किग्रा वर्ग में खेले गए मुकाबले में निशांत देव का सामना तंजानिया के एली म्कुंगवा से हुआ। शुरुआती तीन राउंड में निशांत ने बेहतरीन फुटवर्क, तेज पंच और मजबूत डिफेंस के दम पर पूरी तरह दबदबा बनाए रखा।
चौथे राउंड में निशांत के लगातार प्रभावी वारों को देखते हुए रेफरी ने मुकाबला रोकते हुए तकनीकी नॉकआउट घोषित कर दिया।
अफ्रीका के स्टेडियम में अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को पटखनी देते निशांत देव।
पांचवीं लगातार प्रोफेशनल जीत, रिकॉर्ड हुआ 5-0
इस जीत के साथ निशांत देव का प्रोफेशनल रिकॉर्ड 5-0 हो गया है, जिसमें से 3 मुकाबले नॉकआउट से जीते गए हैं। जनवरी 2025 में प्रो करियर की शुरुआत करने वाले निशांत अब तक अजेय हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस निरंतरता और आत्मविश्वास के साथ वह मुकाबले जीत रहे हैं, वह उन्हें भविष्य का बड़ा सुपरस्टार बना सकता है। यह मुकाबला उनके साल का आखिरी प्रोफेशनल फाइट भी रहा।
सोशल मीडिया पर जताया आभार
मैच के बाद निशांत देव ने सोशल मीडिया पर इस जीत को “साल का आखिरी मुकाबला” बताते हुए अपनी टीम और प्रशंसकों का आभार जताया। उन्होंने लिखा कि हर जीत के पीछे कोच, सपोर्ट स्टाफ और परिवार का बड़ा योगदान होता है। उनके इस संदेश के बाद देशभर से उन्हें बधाइयों का तांता लग गया।

मैच जीतने के बाद निशांत का हाथ उठाकर विजेता घोषित करता रैफरी।
भारत का टॉप-3 में प्रदर्शन, अमेरिका और चीन से आगे यह इवेंट इसलिए भी खास रहा, क्योंकि इसमें भारत ने उद्घाटन विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में टॉप-3 में जगह बनाई। भारत का प्रदर्शन अमेरिका और चीन जैसे मजबूत देशों से भी बेहतर रहा, जिसने भारतीय बॉक्सिंग की बढ़ती ताकत को दुनिया के सामने रखा।
करनाल से कैलिफोर्निया तक का सफर
करनाल (हरियाणा) में 23 दिसंबर 2000 को जन्मे निशांत देव साउथ पॉ बॉक्सर हैं। उनकी लंबाई 6 फीट 1 इंच है, जो रिंग में उन्हें अतिरिक्त बढ़त देती है। उन्होंने 2012 में बॉक्सिंग की शुरुआत की थी। करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच सुरेंद्र चौहान से शुरुआती प्रशिक्षण लिया। उनके चाचा, जो स्वयं प्रो बॉक्सर रहे हैं, उनसे प्रेरित होकर निशांत ने यह रास्ता चुना।

मैच से पहले रिंग में मौजूद निशांत देव।
पिता बोले- बचपन से ही दिखता था जुनून निशांत के पिता देव पवन कुमार बताते हैं कि बेटे की खेल के प्रति लगन बचपन से साफ नजर आती थी। वह पांचवीं कक्षा से ही कर्ण स्टेडियम में प्रैक्टिस करता था और सुबह सबसे पहले उठकर सबको जगाता था। पिता ने बताया कि निशांत ने 6 से 7 साल तक बैंगलोर में कड़ी ट्रेनिंग की और पिछले अक्टूबर से अमेरिका में अभ्यास कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो सपना उसने देखा था, उसे अब साकार कर रहा है।
एमेच्योर करियर में भी चमकदार उपलब्धियां
निशांत का एमेच्योर करियर भी उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने 2021 नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड और 2023 नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 2021 सर्बिया वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया। 2022 में चोट के कारण एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले सके। 2023 में ताशकंद वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

अपने साथियों के साथ रिंग में मौजूद निशांत देव।
ओलिंपिक अनुभव और प्रोफेशनल सपना पेरिस ओलिंपिक में निशांत ने राउंड ऑफ 16 में जीत दर्ज की, हालांकि क्वार्टरफाइनल में उन्हें विवादास्पद हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सिंग का रास्ता चुना और एडी हर्न की मैच रूम बॉक्सिंग से साइन किया। फिलहाल वह लास वेगास में पूर्व बॉक्सर रोनाल्ड सिम्स के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं।
परिवार और शिक्षा
निशांत एक साधारण परिवार से आते हैं। पिता देव पवन कुमार प्रोफेशनल हैं, मां प्रियंका देव गृहिणी हैं और एक भाई भी है। उन्होंने ओपीएस विद्या मंदिर और बाबू अनंत राम जनता कॉलेज, कौल से शिक्षा प्राप्त की। वह अविवाहित हैं और निजी जीवन को गोपनीय रखते हैं।

रिंग में दूसरे खिलाड़ी को पंच मारता निशांत देव।
कोच बोले- भारतीय बॉक्सिंग का नया सूर्योदय कोच सुरेंद्र चौहान का कहना है कि निशांत देव भारतीय बॉक्सिंग के क्षितिज पर नए सूर्योदय की तरह हैं। उन्होंने एमेच्योर से लेकर प्रोफेशनल रिंग तक खुद को साबित किया है। अफ्रीका में मिली यह जीत उनके वैश्विक सफर का नया अध्याय है और आने वाले समय में वह भारत को विश्व चैंपियनशिप दिला सकते हैं।