6 दिन भूखा-प्यासा रहा, जान नहीं गई तो सल्फास खाया: खंडवा का युवक आईसीयू में भर्ती ; बोला- लव मैरिज में धोखा मिला; नर्मदा में कूदने आया था – Khandwa News

6 दिन भूखा-प्यासा रहा, जान नहीं गई तो सल्फास खाया:  खंडवा का युवक आईसीयू में भर्ती ; बोला- लव मैरिज में धोखा मिला; नर्मदा में कूदने आया था – Khandwa News



खंडवा के एक युवक ने लव मैरिज में धोखा मिलने के बाद सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया हैं। वह जिला अस्पताल के आईसीयू में एडमिट हैं, जहां जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा हैं। सल्फास खाने से पहले वह 6 दिन से भूख-प्यासा था। लेकिन जान नही

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युवक की पहचान पुनासा तहसील के ग्राम नंदखेड़ा रैय्यत निवासी रोहित जाधव के रूप में हुई हैं। रोहित फिलहाल इंदौर में रहता था, वह रविवार को सुसाइड के इरादे से मोरटक्का पहुंचा था। सल्फास खाने के बाद उसने पुलिस को बताया कि, गांव में ही पड़ोस में रहने वाली युवती से उसकी शादी हो चुकी हैं। दोनों ने आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की थी। पत्नी को उसके घरवालों ने बुला लिया, मैंने भी भेज दिया। उन्होंने कहा था कि एक महीने बाद वापस भेज देंगे। लेकिन अब पत्नी के ससुराल वाले मुकर गए हैं। युवक ने पुलिस को शादी का सर्टिफिकेट दिया।

सनावद से खंडवा रेफर, आईसीयू में एडमिट मामले में मोरटक्का चौकी पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया। चौकी प्रभारी लखन डावर के मुताबिक, इलाज के लिए उसे सनावद स्थित सिविल अस्तपाल में भर्ती कराया। जहां उसकी तबीयत बिगड़ गई। रात 11 बजे खंडवा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मेडिसीन वार्ड में भर्ती रहने के बाद युवक को रात में ही आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक की हालत में सुधार हैं। अब वह परिजन से बातचीत भी कर रहा हैं।

5 साल से प्रेम-प्रसंग, आर्य समाज मंदिर में की शादी

पीड़ित युवक ने बताया कि, पड़ोस में रहने वाली एक युवती से करीब 5 साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। युवती ने इसी साल सनावद के एक निजी कॉलेज में बीएससी में एडमिशन लिया था। शुरू से ही शादी का प्लान था, अब जब वह 18 साल की हुई तो हमने शादी का फैसला लिया। वह मेरे साथ इंदौर आ गई। 12 नवंबर को वह घर से आई थी, उसी दिन हम दोनों महू गए और वहां आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली, जिसका सर्टिफिकेट भी हमारे पास हैं।

8 दिन साथ रहे, परिवार वालों ने बुला लिया

22 वर्षीय युवक का कहना है कि, वह बारहवीं तक पढ़ा-लिखा हैं। एक साल से वह पीथमपुर की कंपनी में नौकरी कर रहा था, लेकिन शादी के बाद वह पत्नी को लेकर इंदौर में ही रहने लगा। 8 दिन साथ रहे, इसी दौरान पत्नी को उसके पिता ने फोन कर कहा कि, हम शादी से सहमत हैं। कुछ दिनों के लिए घर आ जाओ, एक-दो महीने रहना और फिर वापस चले जाना। मैंने भी भरोसा कर लिया और पत्नी को मायके भेज दिया। लेकिन अब वो लोग उसे भेज नहीं रहे हैं, पत्नी आना चाहती हैं। मुझे हर हाल में वो चाहिए।

6 दिन से भूख-प्यासा था, फिर मोरटक्का आया

पीड़ित युवक ने बताया कि, पत्नी के घरवालों ने साफ कह दिया कि, वो उसे नहीं भेजेंगे। मुझे परिवार का सपोर्ट नहीं था, ऐसे में क्या करता। इसलिए खाना-पीना छोड़ दिया, ताकि जान निकल जाए। फिर सुसाइड के ख्याल आने लगे तो मैं बस में बैठकर मोरटक्का आ गया। नर्मदा में कूदने के लिए दिनभर पुल पर बैठा रहा, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया। साथ में सल्फास की गोलियां लाया था, मैंने गोलियां खाई और पुलिस के पास गया, क्योंकि मेरे इस कदम के पीछे कोई न कोई तो जिम्मेदार हैं।

परिजन बोलें- बेटे ने हमें बदनाम कर दिया

इधर, पीड़ित युवक के परिजनों का कहना है कि, लड़की का घर उनके पड़ोस में ही हैं। इस तरह घर के अलावा खेत भी आमने-सामने हैं। दोनों परिवारों के बीच अच्छे संबंध हैं। दोनों समाज रोटी-बेटी का रिश्ता नहीं रखते हैं। हम बेटे के फैसले के खिलाफ हैं। लड़की के परिवार वाले भी नहीं चाहते कि ऐसा हो। हम नहीं चाहते कि बेटे के कारण दो समाज के बीच विवाद हो। बेटे ने हमें बदनाम कर दिया हैं। लड़का-लड़की के बीच पहले से संबंध थे, यह ना तो हमें पता था और ना लड़की वालों को। दोनों ने मर्जी से यह फैसला लिया हैं।



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