मेट्रो देर से आई पर दुरुस्त नहीं: सिर्फ एक ट्रैक चालू, इसलिएसवा घंटे बाद मिल रही; पार्किंग का पता नहीं, लिफ्ट भी अधूरी – Bhopal News

मेट्रो देर से आई पर दुरुस्त नहीं:  सिर्फ एक ट्रैक चालू, इसलिएसवा घंटे बाद मिल रही; पार्किंग का पता नहीं, लिफ्ट भी अधूरी – Bhopal News


भोपाल में देरी से मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हुआ, लेकिन वह भी आधी-अधूरी यात्री सुविधाओं के साथ। पीने के पानी, इंतजार करने के लिए बेंच के अलावा यहां सिग्नलिंग सिस्टम भी प्रभावी रूप से शुरू नहीं हो सका है। इसलिए मजबूरन प्रबंधन को केवल डाउन ट्रैक पर ही

.

यात्रियों को ध्यान में रखते हुए यदि जल्द ही अप-डाउन दोनों ट्रैक शुरू नहीं किए गए तो भविष्य में इसका बड़ा असर यात्रियों की संख्या पर भी पड़ सकता है। इंदौर में मेट्रो के संचालन के लिए पहले दिन से ही ट्रेनों के बीच केवल 30 ​मिनट का अंतर रखा गया था, जिसे वीकेंड पर 15 मिनट तक कर दिया गया था। वहां कम समय में ज्यादा ट्रेन चलने से यात्रियों की संख्या सवा लाख से ऊपर पहुंच गई थी।

भोपाल में डाउन ट्रैक यानी सुभाष नगर से एम्स के बीच के ट्रैक पर ही ट्रेन आना-जाना कर रही है। इसका अप ट्रैक एम्स से सुभाष नगर का है, जिस पर फिलहाल संचालन शुरू नहीं हुआ है। हालांकि, मेट्रो के अफसरों का कहना है कि भोपाल में मेट्रो के संचालन को लेकर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके बाद इसमें अपडेट भी होते रहेंगे।

  • भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट – कहीं रैंप-लिफ्ट अप्रोच तो कहीं फ्लोर और पार्किंग इंतजाम अधूरे

दैनिक भास्कर टीम ने सुभाष नगर से एम्स के बीच स्टेशनों का जायजा लिया। सामने आया कि कहीं लिफ्ट-रैंप तक अप्रोच नहीं, कहीं पार्किंग निर्धारित नहीं तो कहीं स्काईवॉक पर सुरक्षा रेलिंग नहीं लगी है। हालात तो यह भी हैं कि 8 में से 7 स्टेशनों पर अभी बाहरी काम जारी ही है।

1. रानी कमलापति : सिर्फ एक तरफ सीढ़ियां बन रहीं, लिफ्ट का सिर्फ ढांचा

रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाले करीब 70 मीटर लंबे स्कायवॉक पर सुरक्षा रेलिंग के नाम पर दिखावा किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ सीढ़ियों का निर्माण शुरुआती अवस्था में है। लिफ्ट का केवल ढांचा खड़ा मिला।

2. एम्स: एक तरफ पूरा, दूसरी ओर न लिफ्ट का पता न एस्केलेटर का

यहां गेट नंबर-1 की तरफ का निर्माण पूरा है, लेकिन दूसरी ओर अंदर की तरफ प्लास्टर अधूरा है। न बोर्ड लगे हैं, न रैंप और न पाथवे पूरी तरह तैयार है। लिफ्ट तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं है। यहां पार्किंग के लिए जगह तय नहीं है।

3. अलकापुरी स्टेशन : एस्केलेटर लगा, पर एप्रोच पाथ अधूरा

बाहरी निर्माण एक ओर अधूरा है। प्लास्टर और फ्लोरिंग का काम जारी है। लिफ्ट तक अप्रोच नहीं और रैंप भी नहीं बना है। एस्केलेटर लगा है, लेकिन इसका इस्तेमाल अभी सहज नहीं। अंदर का ज्यादातर काम पूरा नजर आया।

4. डीआरएम ऑफिस : सामान बिखरा

यहां बाहरी काम अधूरा है। लिफ्ट तक पहुंचना मुश्किल और रैंप भी व्यवस्थित नहीं। पाइपलाइन के लिए की गई खुदाई व बिखरी सामग्री से यात्री परेशान हैं।

5. एमपी नगर : आम पार्किंग तय नहीं

एक तरफ रैंप और एस्केलेटर चालू हालत में मिले। दिव्यांग पार्किंग है, लेकिन आम यात्रियों लिए पार्किंग अभी तक निर्धारित नहीं है।

6. बोर्ड ऑफिस: रास्ता नहीं दिखता

लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधाएं हैं। रैंप तक पहुंचने का रास्ता खोजना पड़ता है। यात्री और दिव्यांगों को असुविधा हो रही है। दिव्यांगों के लिए बने रैंप के आगे बोल्डर रखे हुए हैं।

7.सुभाष नगर : फ्लोरिंग का काम जारी

स्टेशन के एक हिस्से का काम पूरा है, दूसरी तरफ बाहरी फ्लोरिंग कार्य हाल ही में हुआ है। आम यात्रियों के लिए पार्किंग का स्थान निर्धारित नहीं मिला।

केंद्रीय विद्यालय स्टेशन ही एक मात्र, जो पूरी तरह तैयार…

8 में से यह अकेला ऐसा स्टेशन है, जिसका दोनों तरफ का निर्माण पूरा हो चुका है। रैंप, लिफ्ट और पार्किंग सहित जरूरी व्यवस्थाएं भी यहां नजर आईं।



Source link