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Khargone Famous Temples: नए साल 2026 की शुरुआत अगर आस्था और श्रद्धा के साथ हो, तो पूरा साल सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है. तो अगर आप भी अपने नए साल की शुरुआत किसी प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन से करना चाहते यह तो खरगोन के ये 5 मंदिर आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं. जानें मान्यता…
खरगोन में कुंदा नदी के तट पर स्थित करीब 300 साल से ज्यादा पुराना सूर्य प्रधान नवग्रह मंदिर देशभर में अपनी अनूठी संरचना के लिए जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के पूर्ण गणितीय मानकों पर बना यह मंदिर सात दिन, 12 राशियां, 12 महीने और नौ ग्रहों की अवधारणा पर आधारित है.

इस मंदिर का गर्भगृह सामान्य धरातल से करीब 20 फीट नीचे है, जहां सूर्य देव नौ ग्रहों के साथ विराजमान हैं. नौ ग्रहों की अधिष्ठात्री मां बगलामुखी की स्थापना के कारण इसे पीताम्बरी ग्रह शांति पीठ भी कहा जाता है. मान्यता है कि ग्रह दोष से जुड़ी समस्याओं का समाधान यहां विशेष दान से होता है.

खरगोन जिले का ऊन गांव अपनी परमार कालीन धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है. यहां स्थित महालक्ष्मी माता मंदिर देश के चार पुरातन महालक्ष्मी मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर 11वीं शताब्दी में राजा बलाल द्वारा बनवाया गया था. श्रद्धालुओं का विश्वास है कि नए साल के पहले दिन यहां दर्शन और पूजा-अर्चना करने से धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
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नर्मदा नदी के पावन तट पर बसा महेश्वर अपनी ऐतिहासिक पहचान के साथ-साथ धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. इसे गुप्त काशी कहा जाता है और यहां स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर बनावट में वाराणसी के मंदिर से मिलता-जुलता है.

मान्यता के अनुसार, यह शिवलिंग नर्मदा नदी से प्रकट हुआ था और शुभ मुहूर्त पर वाराणसी न पहुंच पाने के कारण महेश्वर में ही इसकी स्थापना की गई. नए साल की शुरुआत यहां जलाभिषेक से करने पर विशेष पुण्य फल मिलने की मान्यता है.

खरगोन का सिद्धिविनायक गणेश मंदिर अपनी चमत्कारी और प्राचीन प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है. करीब 522 साल पुरानी यह गणेश प्रतिमा एक ही पाषाण पर बनी हुई है. कहा जाता है कि नागा साधुओं द्वारा यज्ञ के बाद इसकी स्थापना की गई थी. मान्यता है कि नए साल के पहले दिन गणपति के दर्शन से सभी विघ्न दूर होते हैं.

मंडलेश्वर में स्थित छप्पन देव मंदिर अपने आप में अनूठा है और इसे विश्व का एकमात्र छप्पन देव मंदिर माना जाता है. करीब ढाई हजार साल पुराने इस मंदिर में देशभर से श्रद्धालु मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं. यहां बाबा काल भैरव के आशीर्वाद से कई लोगों की किस्मत बदल गई. मन्नत पूरी होने पर लोग पशु बलि देते है.

छप्पन देव मंदिर के पास ही अतंत प्राचीन एवं पवित्र गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भी मौजूद है. मान्यता है कि यहां विश्व का पहला शिवलिंग स्थापित है और आदि शंकराचार्य से जुड़ी ऐतिहासिक कथा भी इसी स्थल से जुड़ी है. कहते है कि मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ के दौरान शंकराचार्य का स्थूल शरीर इसी गुफा में रखा था. देशभर से श्रद्धालु इस जगह दर्शन के लिए पहुंचते हैं.