Last Updated:
Madhav Tiger Reserve: मध्य प्रदेश का 9वां माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में 1651 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां टाइगर सफारी, जॉर्ज कैसल, मानव निर्मित झील और विविध वन्यजीव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. नए साल के लिए खास व्यवस्था की गई है. जानें सब… रिपोर्ट: आशीष पांडेय
न्यू ईयर पर पर्यटक शिवपुरी स्थित माधव टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी का आनंद उठा सकते हैं. यहां जिप्सी सफारी की सुविधा उपलब्ध है. एक जिप्सी में अधिकतम 6 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. इसका शुल्क 1320 रुपये निर्धारित है. इसके अलावा ₹800 गाइड चार्ज रहेगा. सफारी के लिए पर्यटक ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. https://forest.mponline.gov.in/ पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा. नए साल के अवसर पर मध्य प्रदेश के सभी 9 टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे. माधव टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगलों और वन्यजीवों की मौजूदगी के लिए जाना जाता है. यहां की सफारी न केवल रोमांचकारी अनुभव देती है, बल्कि प्रकृति और वन्यजीवों को करीब से देखने का बेहतरीन अवसर भी प्रदान करती है.

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में माधव टाइगर रिजर्व स्थित मानव निर्मित झील प्राकृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. यह झील मगरमच्छ, अजगर, मॉनिटर छिपकली और कई प्रवासी पक्षियों का प्रमुख आवास स्थल है. पर्यटक यहां नौकायन का आनंद ले सकते हैं. शाम के समय झील के मनमोहक दृश्यों का अनुभव कर सकते हैं. वर्ष 2022 में इस झील को रामसर साइट का दर्जा मिला, जिससे इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व और भी बढ़ गया है. यह झील जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है. प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है, जहां शांत वातावरण और वन्यजीवों की मौजूदगी एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है.

माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद इसके क्षेत्रफल में बड़ा इजाफा हुआ है. वर्तमान में पार्क का कोर एरिया 375 वर्ग किलोमीटर है, जबकि इसमें 1275 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन जोड़ा गया है. इस तरह अब माधव टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल बढ़कर 1651 वर्ग किलोमीटर हो गया है. यह मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व है. क्षेत्र बढ़ने से न केवल बाघों के संरक्षण को मजबूती मिलेगी, बल्कि अन्य वन्यजीवों के लिए भी सुरक्षित आवास उपलब्ध होगा. इससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी और भविष्य में पर्यटन की संभावनाएं भी और अधिक विकसित होंगी.
Add News18 as
Preferred Source on Google

माधव टाइगर रिजर्व जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र है. यहां बाघों के अलावा तेंदुआ, भेड़िया, सियार, चिंकारा, चौसिंगा, काला हिरण, जंगली सूअर, स्लोथ बियर और लकड़बग्घा नीलगाय, सांभर, चीतल, जैसे अनेक वन्यजीव पाए जाते हैं. साथ ही यह क्षेत्र मोर, सारस, गिद्ध और विभिन्न जलपक्षियों का भी प्रमुख आवास है. सरीसृपों की कई प्रजातियां भी यहां देखने को मिलती हैं. वन्यजीवों की इतनी विविधता इसे एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र बनाती है. यह रिजर्व न केवल संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए भी खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

माधव नेशनल पार्क में स्थित जॉर्ज कैसल एक ऐतिहासिक इमारत है, जिसका निर्माण वर्ष 1911 में किया गया था. यह किला सिंधिया घराने के राजा जीवाजी राव सिंधिया द्वारा इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम के भारत दौरे को ध्यान में रखते हुए बनवाया गया था. राजा जॉर्ज पंचम शिवपुरी में शिकार के लिए आने वाले थे, लेकिन उस समय नेशनल पार्क में उनके ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसी कारण इस किले का निर्माण बेहद कम समय में, दिन-रात काम कर पूरा किया गया. शिवपुरी नेशनल पार्क के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित यह किला लगभग दो दशकों तक वीरान रहा. हाल ही में इसे टूरिस्ट विजिटर सेंटर के रूप में विकसित किया गया है, जहां जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी पर्यटकों को दी जा रही है.

माधव टाइगर रिज़र्व में सैलानियों के लिए खुली जीप सफारी की सुविधा शुरू की गई है. इस सफारी के दौरान पर्यटक जंगल के प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य प्राणियों और जॉर्ज कैसल जैसे ऐतिहासिक स्थलों को करीब से देख सकते हैं. सफारी के लिए पहले से एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बुकिंग कराना आवश्यक है. पार्क प्रशासन द्वारा तय शुल्क के अनुसार जीप का किराया लगभग 6 लोगों का 1320 रुपये तथा गाइड शुल्क करीब 800 रुपये लिया जाता है. सुरक्षा कारणों से सफारी के समय अधिकृत गाइड का साथ होना अनिवार्य है.

माधव टाइगर रिजर्व में कई प्राचीन मंदिर और स्मारक हैं. यहां की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. पर्यटन के क्षेत्र में वन्य-जीव सफारी और पिकनिक स्पॉट शामिल हैं. माधव टाइगर रिजर्व एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो वन्य-प्रेमियों, प्रकृति-प्रेमियों और सांस्कृतिक विरासत के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए आदर्श स्थल है.

माधव टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व एवं रणथम्बोर टाइगर रिजर्व के बीच स्थित है. इन दोनों के बीच यह टाइगर कॉरिडोर को और अधिक सुदृढ़ करता है. माधव टाइगर रिजर्व बनने एवं इसमें टाइगर की पुनर्स्थापना होने से यहां के सम्पूर्ण लैंड स्केप में बाघों की संख्या में सुधार होगा एवं जेनेटिक डॉयवर्सिटी बढ़ेगी.