बालाघाट जिले में धान परिवहन की धीमी गति के कारण लगभग 11 लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा है। इससे खरीदी केंद्रों पर भारी स्टॉक जमा हो गया है, जिससे किसानों को भुगतान में देरी हो रही है और नए धान की खरीद में भी केंद्र प्रभारियों को कठिनाई का सामना करना प
.
जिले में 1 दिसंबर से 185 खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर धान की खरीद जारी है। अब तक 71,121 किसानों से 34.20 लाख क्विंटल धान खरीदा गया है, जिसकी कुल कीमत 810 करोड़ 19 लाख 80 हजार रुपये है। किसानों को 312 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
जिला आपूर्ति अधिकारी के अनुसार, खरीदे गए धान में से 23 लाख 80 हजार क्विंटल का परिवहन कर गोदामों में भंडारण किया जा चुका है। हालांकि, लगभग 11 लाख क्विंटल धान अभी भी खुले में पड़ा है, जिसका परिवहन नहीं हो पाया है।
परिवहन की सबसे खराब स्थिति बालाघाट सेक्टर में है, जहां दो लाख क्विंटल से अधिक धान खुले में पड़ा है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि परिवहनकर्ताओं द्वारा धीमी गति से काम करने के कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था कर जल्द ही शेष धान का परिवहन कराया जाएगा।
इस मामले पर विधायक अनुभा मुंजारे ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पता है कि बालाघाट में धान का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है और खरीदी केंद्रों पर धान की आवक निश्चित है। मुंजारे ने जोर दिया कि प्रशासन को परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था बनानी चाहिए थी और परिवहन की कमजोर स्थिति को प्रशासन की नाकामी बताया।
बताया जाता है कि बालाघाट सेक्टर में जिस परिवहनकर्ता को परिवहन का टेंडर दिया गया है, उसके, धान परिवहन में दिलचस्पी नहीं दिखाए जाने के कारण, धान का परिवहन धीमा है। इस मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि बालाघाट सेक्टर में धान का परिवहन धीमा होना से वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था कर परिवहन की गति को बढ़ाया जाएगा।
